कोलकाता। लंबे समय से भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठिये अब डर के साये में अपने देश लौट रहे हैं। एनआरसी और सीएए ने यह डर पैदा किया है। ऐसे सैकड़ों लोगों को जो भारत से वापस बांग्लादेश में घुसने का प्रयास कर रहे थे, बांग्लादेश बार्डर गार्ड्स ने अपनी सीमा पर पकड़ा है। ऐसे बहुत से लोगों को बांग्लादेश की पुलिस हिरासत में रखकर जांच भी कर रही है।

बांग्लादेश पूरा प्रयास कर रहा है कि ये लोग वापस उसकी सीमा में न घुसने पाएं। इसके लिए बीजीबी ने बांग्लादेश के सीमावर्ती गांव के लोगों को साथ मिलकर एक सुरक्षा कमेटी भी गठित की है, जो बांग्लादेश में प्रवेश कर रहे लोगों पर नजर रख रही है। इधर, बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा की रखवाली कर रही बीएसएफ के अधिकारियों का भी कहना है कि एनआरसी के डर से भारत में सालों से रह रहे अवैध घुसपैठिये चोरी-छिपे वापस जा रहे हैं।

अधिकारियों के मुताबिक, चूंकि अंतरराष्ट्रीय सीमा के बड़े इलाके में फेंसिंग और बिजली नहीं है और इलाका नदियों और घने जंगलों से घिरा है, ऐसे में चोरी-छिपे कुछ लोग वहां प्रवेश करने में सफल हो जाते हैं। दिलचस्प यह है कि जिन कमजोरियों का लाभ उठाकर घुसपैठिए भारत में प्रवेश कर जाते थे, अब उसी राह वापस भाग रहे हैं। बीएसएफ के एक अधिकारी के अनुसार, इनमें ज्यादातर लोग मजदूर हैं, जो गरीबी के कारण काम-धंधे के लिए यहां अवैध रूप से रह रहे थे।

बताते हैं कि बांग्लादेश के झिनाइदा जिले से सटे सीमावर्ती महेशपुर उप जिला से होकर नवंबर से अब तक हजारों लोगों ने रात के अंधेरे में बांग्लादेश में प्रवेश किया है। बांग्लादेशी बॉर्डर गॉ‌र्ड्स ने पिछले महीने करीब 300 लोगों को महेशपुर उप जिला से पकड़कर पुलिस को सौंपा था। भारत से बांग्लादेश में घुसने का प्रयास करते हुए पकड़े जा रहे लोगों को लेकर वहां की पुलिस का कहना है कि इनमें से अधिकांश खुद को बांग्लादेशी बता रहे हैं जो काम के सिलसिले में लंबे समय से भारत में रह रहे थे। अब भारत में हालात बदलने के बाद वापस लौट रहे हैं।

 

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