मुंबई अंडरवर्ल्ड की पहचान भले ही दाऊद इब्राहिम से होती हो, लेकिन हकीकत यह है कि यहां एक शख्स ऐसा भी था जिससे खुद दाऊद भी खौफजदा था। मुंबई अंडरवर्ल्ड का पहला डॉन भले ही हाजी मस्तान मिर्जा को कहा जाता हो लेकिन सच तो यह है कि उसके भी पहले मुंबई पर अगर कोई राज करता थआ तो वह था करीम लाला। जिस वक्त करीम लाला का रुतबा शबाब पर था उस वक्त उसकी पठान गैंग की मुंबई में तूती बोलती थी। हाल ही में शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने एक विवादित बयान दिया है जिसमें उन्होंने कहा कि खुद इंदिरा गांधी करीमा लाला से मिलने आती थीं। इस बयान के बाद एक बार फिर करीम लाला का नाम चर्चा में आ गया है।
अफगानिस्तान से आया था करीम लाला
अफगानिस्तान के कुनाप से 1930 के दशक में अब्दुल करीम शेर खान मुंबई (तब का बंबई) आया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक अमीर परिवार से ताल्लुक रखने वाले करीम लाला को शोहरत और ताकत की जुनून की हद तक चाहत थी। इसी वजह से पहले वह पेशावर गया उसके बाद मुंबई आ गया था। जिस वक्त उसने पहली बार मुंबई में कदम रखा वह 21 साल का था। साउथ दिल्ली के ग्रांट रोड स्टेशन के किराए के मकान में रहने वाले करीम ने सबसे पहले वहीं जुए का एक अड्डा खोला। इसी अड्डे से मुंबई के पहले माफिया करीम लाला का उदय हुआ था।