दंतेवाड़ा । छत्तीसगढ़ के सुकमा का कोंटा ब्लॉक माओवाद से प्रभावित है। देश को आजाद हुए 72 साल हो गये हैं। कोंटा ब्लॉक के कोंडासावली गांव में आज भी लोगों तक सरकार नहीं पहुंच पाई है।  सरकार तो दूर इनको ये तक नहीं पता है कि चुनाव क्या होता है। या फिर प्रतिनिधि कैसे चुनते हैं।

कोंटा ब्लॉक के कोंडासावली गांव के  लोगों को ये तक नहीं पता है कि किसी भी जगह के जनप्रतिनिधि को वोट देकर चुना जाता है। उनको किसी ने ये तक नहीं बताया है कि देश के संविधान में प्रतिनिधि को वोट कर के चुना जाता जाएगा, ऐसा लिखा है।  गांव की आबादी एक हजार के करीब है, जिनमे आदीवासी वर्ग के लोग हैं।गांव में ना तो बिजली है, ना ही स्कूल भवन है और ना ही राशन की दुकान है। गांव के सरपंच का नाम छन्नू है। छन्नू को पिछली बार भी निर्विरोध चुना गया था। ग्रामीणों से पूछने पर उन्होंने शर्माते हुए जवाब दिया कि उनके शहर में बाहरी लोग बहुत कम आते हैं, इस वजह से वो लोग नये चेहरे देख कर सहम जाते हैं। जब उनसे कहा गया कि उनकी जो भी परेशानियां है, सरकार तक पहुंचाई जाएंगी, तब जाकर उन्होंने बताया कि उनको मूलभूत सुविधाएं मिल जाएं, वही उनके लिए बहुत है।

मुख्य मार्ग पर है माओवादियों का कब्जा

छत्तीसगढ़ के सुकमा के कोंटा ब्लॉक के कोंडासावली गांव और उसके आसपास के इलाकों में माओवादियों ने दबदबा बरकरार रखने के लिए है रास्ते को काट दिया है।