छत्तीसगढ़ राज्य के कांकेर जिले में वन विभाग के लिए बीते दो दिनों से बाघ आफत बन चुका है। बताया जा रहा है कि वाघ दो दिनों से कांकेर जिले की सीमा में घूम रहा है। बाघ के पद चिन्ह मिलने से वन विभाग के लिए ये मुसीबत का विषय बन चुका है।
चारामा ब्लॉक के मैनखेड़ा, काँटागॉव के बाद अब बाघ के पैरों के निशान भोथा गॉव में भी मिले हैं। जिसकी सूचना एक ग्रामीण किसान ने वन विभाग को दी है। मिली जानकारी के अनुसार ग्राम भोथा के लोगों ने बताया कि सुबह 4 बजे खेत में किसी के आने पर कुत्ता भौकने लगा।
सुबह उठ कर देंखने पर जो निशान मिले वह हैरान करने वाला था। ग्रामीण ने जो निशान देखे वह बाघ के थे जिसकी पुष्टि वन विभाग ने की है। वन विभाग का कहना है कि बाघ दो दिनों से कांकेर जिले की सीमा में भटक रहा है। जिसे अभी तक किसी ने देखा नही है।
लेकिन जो पंजों के निशान बीते दो दिनों से अलग अलग जगहों से मिले हैं वह बाघ के ही हैं। नजर बनाए रखने के लिए जंगल की ओर दो कैमरे भी लगाये गए हैं। इसके अलावा विभाग द्वारा ग्रामीणों को अकेले जंगल की ओर न जाने की हिदायत भी दी गई है। फिलहाल भानुप्रतापपुर, कोरर और चारामा क्षेत्र के सभी वन कर्मी लगातार नजर बनाए हुए हैं।