जयपुर। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि अच्छी सड़कें चाहिए तो टोल देना पड़ेगा। अच्छी सड़कें समय और ईंधन दोनों बचाती हैं। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष मार्च माह तक नमामि गंगे परियोजना के 70-80 प्रतिशत प्रोजेक्ट पूरे हो जाएंगे। राजस्थान में चुनाव प्रचार के लिए आए गडकरी सोमवार को जयपुर में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि दुनिया के सारे विकसित देशों में टोल की व्यवस्था है, क्योंकि सरकार के पास इतना पैसा नहीं है कि वह एक साथ इतनी सड़क परियोजनाएं चला सके। इसलिए निजी क्षेत्र का सहयोग लेना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि अच्छी सड़कें समय, ईंधन और दुर्घटना की आशंका को कम करती हैं, इसलिए इसका वास्तविक भार बहुत कम पड़ता है। इसके अलावा टोल उन्हीं लोगों से लिया जाता है, जो दे सकते हैं। सब से टोल नहीं लिया जाता। भारतमाला प्रोजेक्ट की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि साढ़े सात लाख करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है। दिसंबर माह के अंत तक साढ़े छह हजार किलोमीटर सड़क का काम पूरा हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट में 17 सड़कें ऐसी होंगी, जो सड़क और हवाई पट्टी दोनों का काम करेंगी। ऐसी छह-सात सड़कें राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी बनेंगी।
गडकरी ने बताया कि पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में पेयजल व सिंचाई की समस्या को दूर करने के लिए पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना के रूप में केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। उन्होने दावा किया कि कांग्रेस सरकार के मुकाबले हमारी सरकार के समय राजस्थान में दोगुनी सड़कें बनी हैं।