गढ़वाल। उत्तराखंड में गढ़वाल के श्रीनगर स्थित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) श्रीनगर में प्रबंधन और छात्रों के बीच चल रहे गतिरोध का फौरी हल निकाल लिया गया है। बीटेक प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष के छात्रों को जयपुर एनआइटी शिफ्ट किया जाएगा। बीटेक अंतिम वर्ष और एमटेक के छात्र श्रीनगर में ही पढ़ेंगे। हालांकि, अभी इसके आधिकारिक आदेश एनआइटी को नहीं मिले हैं। लेकिन संस्थान के कुलसचिव कर्नल सुखपाल सिह ने इस तरह का फार्मूला तय किए जाने की पुष्टि की।

उनका कहना है कि केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के आदेशों का इंतजार किया जा रहा है। राजकीय पॉलीटेक्निक परिसर में चल रहे एनआइटी में अव्यवस्थाओं को लेकर छात्र आंदोलनरत हैं। यहां पढ़ रहे 900 छात्र-छात्राएं बीती 24 अक्टूबर को हास्टल छोड़कर अपने घर चले गए थे। तब से वह संस्थान नहीं लौटे। इस बीच, एनआइटी प्रबंधन ने मेल और दूसरे माध्यमों से इन बच्चों और उनके अभिभावकों को संदेश भेजकर संस्थान में लौटने को सचेत किया, लेकिन कोई भी इसके लिए तैयार नहीं हुआ। तब से छात्र तमाम माध्यमों से अपनी बात केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय तक पहुंचाते आ रहे हैं।

मिली जानकारी के अनुसार 26 नवम्बर और 30 नवम्बर को एनआइटी छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय में उपमहानिदेशकसे मुलाकात की। इसमें मसले के समाधान के विकल्पों पर चर्चा हुई। मंत्रालय की तरफ से बच्चों से शिफ्टिंग के विकल्प भी मांगे गए।

एनआइटी के सूत्रों ने बताया कि तय किया गया कि श्रीनगर में केवल बीटेक 2015 बैच के यानि अंतिम वर्ष और एमटेक के छात्र ही पढ़ेंगे। बीटेक प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष के छात्र एनआइटी जयपुर शिफ्ट किए जाएंगे। इनकी संख्या लगभग पांच सौ बताई जा रही है। जो छात्र शिफ्ट किए जाएंगे, वह अपना पाठ्यक्रम संबंधित एनआइटी से ही पूरा करेंगे।

 

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