रायपुर । सेंट्रल जू अथॉरिटी ने सभी राज्यो के चिड़ियाघरों को पत्र लिखकर कर्मचारियों को जू में बंद जानवरों से दूर रहने एवम् COVID 19 से बचाव के निर्देशों का पालन करने के निर्देश दिए गए है। रायपुर में जंगल सफारी भी एहतियात के तौर पर बचाव का निर्देश कर्मचारियों को दे रहा है।
वन्य जीवों के संरक्षण के नाम पर छत्तीसगढ़ वन विभाग ने 35 करोड़ की राशि खर्च कर दी, मगर प्रदेश के बाघों की संरक्षित नहीं कर पाए. यही वजह है कि बाघों की संख्या 46 से घट कर 19 तक आ गई. वर्ष 2015-16 में 4 करोड़ 75 लाख रुपये खर्च किया गया. इसके अलावा 2016-17 में 10 करोड़ 63 लाख, 2017-18 में 11 करोड़ 97 लाख, 2018-19 में अब तक 7 करोड़ 36 लाख रुपये व्यय हो चुके हैं.
ज्ञात हो कि न्यूयॉर्क में ब्रोंक्स चिड़ियाघर में एक बाघ के कोरोना संक्रमण पाया गया है। इस की खबर लगते ही सेंट्रल जू अथॉरिटी ने भारत में एहतियात के तौर पर राज्यो के सभी चिड़ियाघरों को कोरोना वायरस से बचाव जानवरों को कर्मचारी से दूर रखने के निर्देश दिए है।
एहतियात के तौर पर वाइल्ड लाइफ एजेंसीज ने गाइडलाइन जारी की है –
- सीसीसीटीवी के माध्यम से वन्य प्राणियों की निगरानी की जाए।
- पेट्रोलिंग टीम को किसी वन्य प्राणी के व्यवहार असामान्य लगे तुरंत डीएफओ अधिकारियों को सूचित करें।
- किसी वन्य प्राणी की मौत पर उसके पोस्टमार्टम के सैंपल सरकार द्वारा अधिकृत लैब टेस्टिंग में ही भेजे।
सभी राज्यो को COVID 19 के प्रोटोकॉल का पालन करने के निर्देश दिए गए है। ताकि संरक्षित और असंरक्षित क्षेत्रों में घूम रहे वन्य प्राणियों को कोरोना संक्रमित से बचाया जा सके।