रायपुर –  बिलासपुर के नवोदय विद्यालय मल्हार में तीसरी भाषा सीखने के लिए आये ओडिशा के 28 छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर जिला प्रशासन बिलासपुर ने अपनत्व के साथ उपहार देते हुए उनके घर के लिए आज जब उन्हें स्नेहिल विदाई दी तो उनके चेहरे खुशी से खिल उठे। बच्चों ने कहा है कि धन्यवाद बघेल अंकल जी आपकी वजह से हम छह माह बाद अपने परिजनों के पास पहुंच रहे हैं। बच्चों का कहना था कि उन्हें बिलासपुर प्रवास के दौरान सभी लोगों का भरपूर स्नेह मिला। हम सभी लोगों को यहां की बोली, लोगों का रहन-सहन और कला-संस्कृति को देखने और सीखने का मौका मिला। छत्तीसगढ़ में बिताये दिन हमें हमेशा याद आएंगे।

उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के कारण बीते 23 मार्च से पूरे प्रदेश में लॉक डाउन के साथ धारा 144 लागू है। बिलासपुर जिले के आवासीय स्कूल जवाहर नवोदय विद्यालय मल्हार में कक्षा 9वीं में ओडिशा राज्य के बलांगीर से 28 छात्र-छात्राओं को चयनित कर तीसरी भाषा सीखने के लिए आये थे। वे जुलाई से मार्च तक रह कर पढ़ाई करने के लिये यहां आये थे। इसी बीच कोरोना महामारी के कारण स्कूल बंद हो गये। नवोदय विद्यालय में अध्ययनरत आसपास के ग्रामीण विद्यार्थी अपने घर चले गए लेकिन बलांगीर से आये विद्यार्थी नहीं जा सके और उन्हें यहीं रुकना पड़ा।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जब इस बात की सूचना मिली तो उन्होंने कलेक्टर डॉ. संजय अलंग को इन बच्चों का पूरा ध्यान रखने के निर्देश दिये। लॉकडाउन के बाद लगातार सभी विद्यार्थियों को आत्मीयता के साथ नवोदय छात्रावास में रखा गया। उन्हें 15 दिन तक विद्यालय में ही रखा गया तत्पश्चात उनका स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया, वे सभी स्वस्थ हैं।

मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार बिलासपुर कलेक्टर डॉ. अलंग ने इसके बाद बच्चों को उनके घर भेजने की व्यवस्था की। ओडिशा भेजने के लिए उन्होंने वहां के अधिकारियों से चर्चा की और छत्तीसगढ़ शासन से सक्षम अनुमति प्राप्त की गई। सभी बच्चों को एक बस में रवाना किया। उन्हें कलेक्टर की ओर से मस्तुरी की अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सुश्री मोनिका वर्मा ने गिफ्ट, चॉकलेट के अलावा सैनेटाइजर उपलब्ध कराया गया है। विद्यार्थियों ने ‘मुख्यमंत्री बघेल अंकल’ को धन्यवाद दिया कि उन्हें छह माह बाद परिजनों के पास भेजने की अच्छी व्यवस्था की गई। उन्होंने कहा कि वे कलेक्टर बिलासपुर से भी भावनात्मक रूप से जुड़ाव महसूस करते हैं। बच्चों ने उन्हें भी धन्यवाद दिया।