भुवनेश्वर (अशोक ध्यानचंद)। भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में लगातार दूसरे दिन बेहद रोमांचक मुकाबला खेला गया। खास बात यह रही कि इन दोनों मुकाबलों में एक टीम नीदरलैंड्स की थी। शनिवार को जहां नीदरलैंड्स ने सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को सडन डेथ में हराकर फाइनल में जगह बनाई, तो रविवार को उसे बेल्जियम के हाथों सडन डेथ में ही खिताबी मुकाबले में शिकस्त का सामना करना पड़ा। सडन डेथ में मिली 3-2 बेल्जियम ने पहली बार हॉकी विश्व कप का खिताब जीता और हॉकी जगत को एक नया विश्व चैंपियन मिला। बेल्जियम की टीम सेमीफाइनल में इंग्लैंड को हराकर पहली बार विश्व कप के फाइनल में पहुंची थी।
तीन बार की चैंपियन और पिछली बार की उपविजेता नीदरलैंड्स और रियो ओलिंपिक की रजत पदक विजेता बेल्जियम की टीमें फाइनल में निर्धारित समय तक कोई गोल नहीं कर सकीं और इस तरह दोनों टीमें चारों क्वार्टर की समाप्ति के बाद 0-0 की बराबरी पर थीं। इसके बाद खेल पेनल्टी शूटआउट में गया, जिसमें दोनों टीमें अपने पांच-पांच प्रयास में से दो-दो को गोल में बदलने में सफल हुईं। पेनल्टी शूटआउट जब 2-2 से बराबर रहा तो परिणाम के लिए मुकाबला सडन डेथ में गया। इस बार बेल्जियम के फ्लोरों वेन एबल ने डच गोलकीपर को छकाते हुए गोल दाग दिया, जबकि नीदरलैंड्स के जिरॉन हर्ट्जबर्गर गोल करने में नाकाम रहे। इसके साथ ही बेल्जियम की टीम ने पहली बार विश्व कप की ट्रॉफी अपने नाम की। विश्व कप के इतिहास में पहली बार कोई फाइनल मुकाबला निर्धारित समय में बिना किसी गोल के समाप्त हुआ और पेनल्टी शूटआउट में गया।
दोनों टीमों ने पहले क्वार्टर में सधी हुई शुरुआत की। नीदरलैंड्स एवं बेल्जियम के खिलाड़ियों ने बेहतरीन पासिंग गेम खेला और डिफेंस में भी कोई खास गलती नहीं की। नीदरलैंड्स का दूसरे क्वार्टर में पलड़ा थोड़ा भारी रहा और उसने दोनों विंग से विपक्षी टीम के डिफेंस पर दबाव बनाया। नीदरलैंड्स को पहला क्वार्टर समाप्त होने से कुछ मिनट पहले पेनाल्टी कॉर्नर मिला। हालांकि, वह बढ़त बनाने में कामयाब नहीं हो पाई।
नीदरलैंड्स की टीम ने तीसरे क्वार्टर में भी अपने बेहतरीन खेल को जारी रखा, लेकिन वे कई मौकों पर विपक्षी टीम के गोलकीपर को भेदने में कामयाब नहीं हो पाए। बेल्जियम की टीम ने चौथे क्वार्टर में बेहतरीन खेल दिखाते हुए कई काउंटर अटैक किए। हालांकि, कोई भी टीम गोल करने में कामयाब नहीं हो पाई।
इसके बाद मुकाबला पेनल्टी शूटआउट में गया। इसमें एक समय नीदरलैंड्स 2-1 से आगे था, लेकिन बेल्जियम ने 2-2 की बराबरी कर ली। सडन डेथ में पहले ही प्रयास में बेल्जियम ने गोल किया लेकिन नीदरलैंड्स का खिलाड़ी गोल नहीं कर सका।