ऑनलाइन शिक्षा, ऐकडेमिक कैलेंडर इत्यादि जैसे शिक्षा के कुछ प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा करने मंगलवार को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशांक’  ने देश के सभी शिक्षा मंत्रियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा मीटिंग बुलायी, जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य से शिक्षा मंत्री डॉ प्रेम साय,  दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कुछ अहम मुद्दों पर बल दिया।

छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक से अनुरोध किया है कि कोरोना के संक्रमण से बचाव से निपटने और आगे आने वाले समय इस समस्या के निदान के लिए सुरक्षागत मुद्दों को ध्यान में रखते हुए स्कूल खोलने का निर्णय राज्यों को दिया जाए। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री आज राज्य के शिक्षामंत्रियों और स्कूल शिक्षा सचिवों की ऑनलाइन बैठक लेकर स्कूल शिक्षा विभाग के काम-काज की समीक्षा कर रहे थे। शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने उन्हें बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल द्वारा प्रारंभ की गई योजना ’पढ़ई तुंहर दुआर’ में रिकार्ड समय में 16 लाख बच्चों और एक लाख 60 हजार शिक्षकों द्वारा इस वेबसाइट में पंजीयन कराकर नियमित कक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है। डॉ. टेकाम ने राज्य में परीक्षाओं के आयोजन और उत्तरपुस्तिओं की जांच के संबंध में जानकारी दी। ऑनलाइन चर्चा के दौरान शैक्षणिक गतिविधियों की समस्या के निदान के लिए विभिन्न नवाचारी तरीकों जैसे अवकाश के दिनों को कम करने, शाला लगने की अवधि में वृद्धि, स्थानीय समुदाय के अध्यापन, घरों में छोटे-छोटे समूहों में ट्यूशन, रेडियों एवं दूरदर्शन का अधिक से अधिक उपयोग आदि के सुझाव दिए। डॉ. टेकाम ने केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री को इस महत्वपूर्ण बैठक के आयोजन के लिए धन्यवाद देते हुए बैठक में प्राप्त सुझावों पर विचार कर निर्णय लेने का अनुरोध किया।

ऑनलाइन बैठक में कक्षा 10वीं एवं 12वीं को छोड़कर सभी कक्षाओं में जनरल प्रमोशन, सीबीएसई की परीक्षाओं का बाद में निर्धारण, बच्चों की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन की व्यवस्था, मध्यान्ह भोजन को अवकाश के दौरान भी वितरित कराए जाने हेतु आवश्यक व्यवस्थाएं, 4 सप्ताह के वैकल्पिक पाठ्यक्रम संबंधी अकादमिक कैलेण्डर को लागू करना, कोविड-19 के दौरान बेस्ट प्रेक्टीसेस को साझा करने जैसे बिन्दुओं पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने बैठक में डिजिटल, ऑनलाइन शिक्षा में राज्यों द्वारा की जा रही कार्रवाई की जानकारी ली। लॉकडाउन के कारण बच्चों की पढ़ाई में हुए नुकसान को ध्यान में रखकर अकादमिक कैलेण्डर में परिवर्तन, मध्यान्ह भोजन को जारी रखने के संबंध में मध्यान्ह भोजन की वार्षिक कार्ययोजना को अपलोड करने, केन्द्रीय एवं नवोदय विद्यालय के लिए जमीन एवं अन्य मुद्दों, समग्र शिक्षा अंतर्गत राज्य क्रियान्वयन इकाई को केन्द्र के हिस्से की राशि एवं राज्यांश की शेष राशि के उपयोग और समग्र शिक्षा की वार्षिक कार्ययोजना को ऑनलाइन अपलोड करने के संबंध में चर्चा कर समीक्षा की।

बैठक में छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला, संचालक लोक शिक्षण श्री जीतेन्द्र शुक्ला, सचिव माध्यमिक शिक्षा मण्डल प्रो. व्ही.के. गोयल भी उपस्थित थे।

दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कुछ अहम मुद्दों पर बल दिया।

  • जिस तरह 9वीं और 11वीं कक्षा के लिए इंटर्नल असेस्मेंट और अब तक हुई परीक्षा के आधार पर बच्चों को मार्क्स देने का निर्णय लिया है, वही निर्णय 10वीं और 20वीं के बच्चों के लिए भी लिया जाए। ऐसा इसलिए, क्योंकि निकट भविष्य में भी सोशल डिस्टन्सिंग की वजह से बची हुई परीक्षाएं कराना संभव नहीं होगी। इसलिए इस मुद्द्दे पर अनिश्चितता ख़त्म करते हुए तुरंत निर्णय लेने चाहिए। दिल्ली देश का एकमात्र ऎसा प्रदेश है, जिसका अपना बोर्ड नहीं है लिहाज़ा CBSE ही उसका बोर्ड है। अतः CBSE को दिल्ली के सुझाव पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
  • IIT NEET यूनिवर्सिटी प्रवेश जैसे सभी परीक्षाएं कराना आगे भी मुश्किल होगा। बच्चों का वर्ष ख़राब ना हो, उन्हें तनाव न हो, उसके लिए 12वीं के छात्रों को उनके मार्क्स पर इस साल मेरिट के हिसाब से एडमिशन दिए जाए।

कोरोना के दौर में दिल्ली में टेक्नॉलजी के माध्यम से बच्चों तक शिक्षा पहुँचाने के प्रयासों के बारे में बताते हुए उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि बहुत से बच्चों के घर  में स्मार्टफ़ोन नहीं होते। दिल्ली में भी 68% बच्चों के पास अभी स्मार्टफ़ोन इसलिए हैं क्यूँकि उनके माता पिता घर पर हैं।  शिक्षा मंत्री ने  केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो पर दिल्ली सरकार को समय मिल पाए, जिससे कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के टीचर  एलेमेंटरी, सेकंडेरी और हायर सेकंडेरी शिक्षा की इंटरैक्टिव कक्षाएं लें और बच्चे उसी lesson प्लान के आधार पर पढ़ाई कर सकें जो उनके स्कूल में फ़ॉलो किया जाता है।