वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) फैलाने के आरोप को लेकर चीन से 600 अरब डॉलर हर्जाना वसूलने के लिए केंद्र सरकार को अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) जाने के निर्देश संबंधी याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गयी है।

तमिलनाडु के मदुरै निवासी के. के. रमेश ने केंद्र सरकार को चीन से हर्जाना वसूलने के लिए हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के निर्देश देने का न्यायालय से अनुरोध किया है। याचिकाकर्ता ने कानून मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय को इसमें पक्षकार बनाया है। याचिका में कहा गया है कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से हुई है।

याचिकाकर्ता का कहना है कि उसने सुप्रीम कोर्ट का रूख इसलिए किया है, क्योंकि एक नागरिक आईसीजे में याचिका दायर नहीं कर सकता। याचिकाकर्ता के अनुसार, चीन जानबूझकर भारत और पूरी दुनिया को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है कि वायरस की उत्पत्ति जैविक बाजार से हुई है, जबकि इस बात के सबूत हैं कि दुनिया भर में शक्तिशाली अर्थव्यवस्थाओं को कमजोर करने के लिए यह एक जैविक या रासायनिक युद्ध है।