मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को डिजिटल प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि सोशल मीडिया पर देख रहा हूं कि अभी भी बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर सड़कों पर एक जगह से दूसरी जगह जाने की कोशिश कर रहे हैं। जब उनकी हालत देखता हूं, उनके साक्षात्कार और बयान पढ़ता हूं, तो पता चलता है कि वह कई-कई दिनों तक पैदाल चल रहे हैं। उनके पैरों में छाले पड़ गए हैं। कई दिनों से कुछ भी नहीं खाया है। घर से जो रोटिया लेकर चले थे, वह रोटिया खत्म हो गई हैं। रास्ते में कोई मदद करने वाला नहीं है। कई लोग अपने बच्चों को कंधे पर बैठाए हुए होते हैं। एक आदमी को देखा कि वह अपनी बूढ़ी मां को कंधे पर लेकर कई किलोमीटर तक जा चुका होता है। मुझे यह सब देख कर बहुत तकलीफ होती है। ऐसा लगता है कि जैसे पूरा का पूरा सिस्टम फेल हो गया है। ऐसा लगता है कि सारी सरकारें फेल हो गई है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में रहने वाले सभी लोगों से अपील करते हुए कहा कि आपको बिल्कुल चिंता करने की जरूरत नहीं है। दूसरे प्रदेशों के जो भी लोग दिल्ली में फंसे हैं और अपने घर जाना चाहते हैं, हम उनका इंतजाम कर रहे हैं। अभी तक हमने आपके रहने और खाने का इंतजाम किया था। मेरी आप से निवेदन है कि अभी आप दिल्ली छोड़ कर मत जाइए। लाॅकडाउन हमेशा नहीं रहेगा, कभी न कभी तो खुलेगा ही। सबको नौकरियां भी मिलेगी और सबको मजदूरी भी मिलेगी। फिर भी कोई फंसा हुआ है और घर जाना ही चाहते हैं, तो हम आपके लिए ट्रेन का इंतजाम कर रहे हैं। एक ट्रेन मध्यप्रदेश जा चुकी है और हमने एक ट्रेन बिहार भी भेजी है। अभी और ट्रेन का इंतजाम कर रहे हैं। केंद्र सरकार से हम बात कर रहे हैं। दूसरे राज्यों की सरकारों से भी हम बात कर रहे हैं। आप थोड़े दिन और इंतजार कीजिए, ऐसे पैदल घर से न निकलिए। यह आपके के लिए सुरक्षित नहीं है। कुछ लोगों की ट्रेन से कुचल कर मौत हो गई, कुछ लोगों को हादसे में मौत हो गई। कई दिनों तक बिना खाए-पीए पैदल चलाना भी सही नहीं है। हम आपकी जिम्मेदारी लेते हैं। आप सभी से निवेदन है कि ऐसे मत जाइए। हमारा आप भरोसा करें, हम आपका ख्याल रखने के लिए हैं।