भोपाल: इस संकटकालीन समय और परिस्थिति जो कोरोना संक्रमण के द्वारा निर्मित हुई है उसे कई कोरोना वॉरियर्स और योद्धा मिलकर हराने का प्रयास कर रहे हैं। अपर कलेक्टर श्री उमराव मरावी,पत्रकारों और संभागीय जनसंपर्क कार्यालय के सहायक संचालक अरुण राठौर के प्रयास और समन्वय से आज कई श्रमिकों को भोजन, राशन और नाश्ता उपलब्ध कराया और राशन की समुचित व्यवस्था कराई गई। कहीं ना कहीं इस मानव सेवा और समर्पण की भावना से निश्चित ही हम इस संक्रमण को हराने में शीघ्र कामयाब होंगे।

प्रशासन और पत्रकारो के समन्वय से आज इन, 65 श्रमिकों को प्रदेश के विभिन्न जिलों सिंगरोली, सतना कटनी और उमरिया के लिए बस के माध्यम से भेजने का प्रबंध किया गया। साथ ही इन श्रमिकों कि थर्मल स्क्रीनिंग और जांच की गई। इस मानव सेवा में पत्रकार बंधु भी आगे आ रहे है न्यूज़ 18 की पत्रकार कुमारी रंजना ने कवरेज के दौरान सूचना पड़ीं कि मिसरोद फाटक के पास 65 श्रमिक पन्नी की छत बनाकर घर जाने का 2 माह से इंतज़ार कर रहे है उनके खाने की व्यवस्था करा दे। यह सब आदिवासी समुदाय से है और मेहनत मजदूरी के लिए भोपाल आये थे। लॉक डाउन के कारण काम भी नही मिल रहा और खाने की समस्या आ रही है उन्हें घर जाना है यह सब कटनी, शहडोल, सतना, उमरिया जिले के है। इस पर जनसंपर्क अधिकारी ने तुरन्त संबधित अपर कलेक्टर को इस सम्बन्ध में जानकारी दी और कलेक्टर श्री पिथोड़े ने तुरन्त इन सबको घर भेजने की व्यवस्था कराई , आज सभी 65 श्रमिक बसों से घर को रवाना हो गए
प्रदेश के विभिन्न जिलों में जाने के लिए पैदल ही निकले है ऐसे में उन सभी श्रमिकों के लिए जिला प्रशासन द्वारा तत्काल सभी व्यवस्था सुनिश्चित कराई गई। जिला प्रशासन और पत्रकारो के समन्वय से आज ये श्रमिक अपने गृह जिले पहुंच रहे है।

दो दिन पूर्व भी 15 श्रमिक पैदल ही छतीसगढ़ के लिये कैरवा के जंगलों से होते हुए निकल पड़े थे। इनकी जानकारी पत्रकार जितेंद्र कुमार ने दी इनको खाने और रुकने की व्यवस्था करने के बारे में बताया इस पर अपर कलेक्टर श्री उमराव मरावी को बताया गया।जो प्रशासन और पत्रकार के बीच समन्वय को दर्शाता है। पत्रकार जितेंद्र कुमार और उनके साथियों ने फोन पर इन श्रमिकों की मदद का आग्रह किया कि 15 श्रमिक अपने मासूम बच्चों के साथ केरवा डेम के जंगलों के बीच तेज़ धूप में छत्तीसगढ़ राज्य के लिए पैदल ही जा रहे हैं। वैसे ही श्री मरावी और श्री राठौर द्वारा आरआई और पटवारी को इन मजदूरों की मदद के लिए रवाना किया। श्रमिकों के कदमों ने कुछ ही घण्टो में शहर से जंगल को नाप दिया था। इस तेज़ धूप और वीरान इलाके में इस पत्रकार साथियों ने भी प्रशासनिक मदद के साथ साथ उनके लिए नाश्ते और पानी की व्यवस्था की। अब यह श्रमिक भी अब जिला प्रशासन के सहयोग से अपने गृह क्षेत्र को पहुंच सकेंगे।

इस मानवीय पहल और कर्मठ पत्रकारो द्वारा उन सभी श्रमिकों को सुरक्षित उनके गृह नगर भेजा जा रहा है। इस और इस कार्य में नगर निगम और खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा भोजन कि संपूर्ण व्यस्था भी कराई।