रायपुर – ’पढ़ई तुंहर दुआर’ कार्यक्रम में ऑनलाइन शिक्षा का लाभ सरकारी स्कूल और निजी स्कूल के 20 लाख विद्यार्थी उठा रहे हैं। ’पढ़ई तुहर दुआर’ का यह पोर्टल सीजीस्कूलडॉटइन है, जिसमें बच्चों को शिक्षा सिर्फ एक क्लिक पर उपलब्ध हो रही है। कक्षा छठवी से कक्षा बारहवीं तक के छात्र इस साइट के द्वारा अपनी सुविधानुसार मोबाइल, लैपटॉप या टैब पर पढ़ाई कर रहे हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम ’पढ़ई तुहर दुआर’ प्रारंभ कर वेब पोर्टल का निर्माण किया गया है। जिसमें बच्चे अपनी कक्षा के विषयों का चयन कर घर बैठे आसानी से अध्ययन कर रहे हैं। ’पढ़ई तुंहर दुआर’ पोर्टल का विधिवत उद्घाटन मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा विगत माह 7 अप्रैल को किया था। एक माह बाद ही इसकी सफलता का आंकड़ा 27 करोड़ पेजव्यूज छू चुका है, जिसमें लगभग 20 लाख विद्यार्थियों ने अपना पंजीयन करवा लिया है। एक लाख 70 हजार से अधिक शिक्षक बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित ऑनलाइन शिक्षा पोर्टल ’पढ़ई तुंहर दुआर’ कार्यक्रम के तहत राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एस.सी.ई.आर.टी.) रायपुर में आज हिंदी, सामाजिक विज्ञान, गणित, राजनीति विज्ञान की कक्षाएं आयोजित हुई। हिंदी की कक्षा में 167 छात्र-छात्राएं सम्मिलित हुए। सुश्री रागिनी अवस्थी के मार्गदर्शन में हिन्दी प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में नीतू यादव विजेता रहीं। द्वितीय कालखंड में सामाजिक विज्ञान में 191, गणित में 702, रसायन शास्त्र में 622 छात्र-छात्राएं सम्मिलित हुए। गणित प्रश्नोत्तरी में प्रियंका नॉरंगे और रसायन शास्त्र में दामिनी देवांगन ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। बालोद की शिक्षिका सुश्री प्रेमलता ने बताया कि कक्षा 12वीं के रसायन शास्त्र विषय की कक्षा में सभी विद्यार्थियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति रही। उल्लेखनीय है कि एससीईआरटी में कक्षा 9वीं से 12वीं तक ऑनलाइन कक्षा का संचालन 11 बजे से 4 बजे तक किया जा रहा है। कक्षा पहली से आठवीं तक 28 जिलों में ऑनलाइन कक्षाएं लगाई जा रही हैं। आज हिंदी, जीव विज्ञान और रसायन शास्त्र विषय की कक्षाएं संचालित हुई। एससीईआरटी के संचालक श्री जितेंद्र कुमार शुक्ला के मार्गदर्शन में प्रतिदिन 10.30 बजे से 12 बजे तक पढ़ई तुहर दुआर के नोडल अधिकारियों के साथ समीक्षा अपर संचालक श्री आर.एन. सिंह, संयुक्त संचालक डॉ. योगेश शिवहरे एवं श्री ए.के. सारस्वत द्वारा की जा रही है।
वैश्विक बीमारी के चलते जहां पूरे देश की अर्थव्यवस्था डगमगा गई है, वहीं स्कूली बच्चे की पढ़ाई पर भी अब असर दिखने लगा है क्योंकि ग्रीष्मकालीन पाठ्यक्रम प्रारंभ करने का समय निकल चुका है। आने वाले सत्र की तैयारी शुरू नहीं हो पा रही है। लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा एक ऐतिहासिक पहल की गई जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित ना हो। यूं तो बहुत से ऑनलाइन शिक्षा के कार्यक्रम अनेक सोशल मीडिया साइट पर उपलब्ध है, लेकिन छत्तीसगढ़ के पाठ्यक्रम अनुसार ऑनलाइन शिक्षा उपलब्ध होना एक अभिनव पहल है। इसके लिए बच्चों ने अपना रजिस्ट्रेशन बड़ी सामान्य प्रक्रिया द्वारा पूर्ण किया है। इस वेब पोर्टल पर ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन आकर्षक तरीके से किया जा रहा है। जिसमें छात्र अपनी कक्षा और विषय चयनित कर उस ऑनलाइन कक्षा से जुड़ते हैं और शिक्षकों के साथ परस्पर संवाद भी करते है एक तरह से वास्तविक कक्षाओं के स्वरूप है। वास्तविक कक्षाओं की तरह ही इसमें भी बच्चों को होमवर्क दिया जाता है। जिसे बच्चे पीडीएफ फॉर्मेट में होमवर्क पोर्टल पर अपलोड कर लेेते हैं। शिक्षक उसे जाँच कर फीडबैक देते है। बिना किसी खर्च के तैयार की गई यह वेबसाइट बच्चों को भी निःशुल्क उपलब्ध हैं। ’पढ़ई तंुहर दुआर’ वेबपोर्टल के माध्यम से बच्चों को घर बैठे शिक्षा सुलभ हुई है। राज्य शासन ने इसके जरिए शिक्षा को सहजता से घर-घर तक पहुंचा दिया है। लॉकडाउन के दौरान स्कूल बंद हो जाने के बावजूद भी विद्यार्थियों की पढ़ाई का बाधित न होना, राज्य शासन की दूरदर्शिता का पढ़ई तुंहर दुआर वेबपोर्टल जीवंत उदाहरण बन गया है।