रायपुर: मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल के मंशानुरूप राज्य के सभी जिलों में गरीबों, अन्य स्थानों के श्रमिकों एवं निराश्रित लोगों को निःशुल्क भोजन व खाद्यान्न पैकेट उपलब्ध कराए जाने का सिलसिला जारी है। कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन के चलते जरूरतमंदों की मदद के लिए राज्य भर में जगह-जगह लगाए गए राहत शिविरों में 10 जून को 93 हजार 457 जरूरतमंदों, श्रमिकों एवं निराश्रितों को निःशुल्क भोजन एवं खाद्यान्न पैकेट उपलब्ध कराया गया। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए मास्क, सेनेटाईजर एवं दैनिक जरूरत का सामान भी जिला प्रशासन, रेडक्रॉस तथा स्वयंसेवी संस्थाओं की सहयोग से जरूरतमंदों को लगातार मुहैया कराया जा रहा हैं। जिलों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार 10 जून को स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से 4251 मास्क एवं सेनेटाईजर, साबुन आदि का वितरण जरूरतमंदों को किया गया है।

यह उल्लेखनीय है कि जिलों में प्रशासन द्वारा समाजसेवी संस्थाओं एवं दानदाताओं के सहयोग से संचालित राहत शिविरों के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य में अब तक 94 लाख 75 हजार 761 लोगों को निःशुल्क भोजन एवं खाद्यान्न पैकेट उपलब्ध कराया गया है। स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए अब तक 49 लाख 50 हजार 359 मास्क सेनेटाईजर एवं अन्य सामग्री का निःशुल्क वितरण जन सामान्य को किया गया है।

प्रदेश में 10 जून को शासन एवं समाजसेवी संस्थाओं के सहयोग से जांजगीर-चांपा जिले में सर्वाधिक 41,940 लोगों को निःशुल्क भोजन एवं राशन प्रदाय किए जाने के साथ ही उन्हें कोरोना संक्रामक बीमारी से सुरक्षित रखने के लिए मास्क एवं अन्य सामग्री का वितरण किया गया है। इसी तरह सुकमा जिले में 1568, राजनांदगांव में 348, रायगढ़ में 6114, बस्तर में 2416, कांकेर में 697, बीजापुर में 232, जशपुर में 10,800, कोरिया में 269, सूरजपुर में 08, बालोद में 72, कबीरधाम में 3921, बलौदाबाजार में 1553, धमतरी में 1198, दुर्ग में 1942, महासमुंद में 2393, बलरामपुर में 1981, कोरबा में 1566, सरगुजा में 2645, बिलासपुर में 8681, रायपुर में 1660, कोण्डागांव में 2869, गरियाबंद में 1653 तथा गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 1182 जरूरतमंदों को राशन एवं अन्य सहायता उपलब्ध करायी गई हैं।

संचालक उद्यानिकी श्री माथेश्वरन वी. ने बीते दिनों बिलासपुर अंचल के विभिन्न गांवों का दौरा कर वहां कृषकों द्वारा की जा रही केले एवं पपीते की खेती का मुआयना किया। इस दौरान वह गौठानों में सब्जी की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य महिला स्व-सहायता समूहों से मुलाकात कर उनसे चर्चा की। श्री माथेश्वरन वी. ने फलदार पौधों की खेती के साथ-साथ अंतवर्तीय फसलों की खेती को बढ़ावा देने की बात कही, ताकि किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ हो सके। बिलासपुर जिले के ग्राम कडार में केला और पपीता की सफल खेती को देखते हुए उन्होंने विभागीय अधिकारियों को आस-पास के गांवों के कृषकों को भी इसके लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित करने को कहा।

  • संचालक उद्यानिकी ने बिलासपुर क्षेत्र में फलोत्पादन की स्थिति का मुआयना किया
    संचालक उद्यानिकी ने विभागीय अधिकारियों को फलोत्पादन को बढ़ावा एवं मार्केटिंग की सुविधा को देखते हुए गांवों का क्लस्टर बनाने के निर्देश दिए। इससे पूर्व उन्होंने शासकीय उद्यान रोपणी बिलासपुर का दौरा कर वहां राज्य पोषित पोषण बाड़ी योजना के अंतर्गत जिमीकंद बीजोत्पादन की तैयारियों का भी अवलोकन किया। रोपणी परिसर स्थित प्लग टाईप सीडलिंग यूनिट के माध्यम से रोपणी की आय बढ़ाने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए गए। संचालक उद्यानिकी ने बिल्हा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत बैमा के कृषक बाबूलाल पटेल एवं ललित पटेल के केला प्रक्षेत्र का अवलोकन किया तथा अंतवर्तीय फसलों एवं मार्केट लिंकेज के बारे में भी कृषकों से विस्तार से चर्चा की। ग्राम पंचायत सेलर में 25 हेक्टेयर में फलोद्यान एवं वानिकी पौधों के रोपण की तैयारियों तथा 8 एकड़ में रोपणी एवं गौठान स्थल का भी मुआयना किया। संचालक उद्यानिकी ने ग्राम चकरभाटा एवं ग्राम हथनी के गौठान से जुड़ी महिला स्व-सहायता समूहों से सब्जी उत्पादन एवं फलदार पौधों के रोपण के संबंध में चर्चा की तथा ग्राम पंचायत कडार के कृषक दिनेश पाण्डेय के केला एवं पपीता प्रक्षेत्र का मुआयना किया।