रायपुर/ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आदेश पर त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रदेश के सभी जिलों में आदिम जाति तथा अनुसूचित विकास विभाग द्वारा संचालित छात्रावास और आश्रमों को कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए आगामी शिक्षण सत्र शुरू होने के पूर्व और शिक्षा सत्र के दौरान नियमित रूप से साफ-सफाई और सेनेटाईज किया जाएगा। विभाग के सचिव श्री डी.डी. सिंह ने इस संबंध में कार्रवाई के लिए सभी जिलों के सहायक आयुक्तों को निर्देशित किया है। आदिम जाति तथा अनुसूचित विकास विभाग द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि छात्रावास और आश्रमों की दैनिक स्वच्छता और सेनेटाईजेशन विशेष ध्यान दिया जाए। कोई भी कर्मचारी बिना आवश्यक सुरक्षा किट पहने साफ-सफाई न करें। छात्रावास-आश्रमों में प्रवेशित विद्यार्थी और कर्मचारी सावधानीपूर्वक दैनिक कार्य संपन्न करें, जिससे उनका संक्रमण से बचाव हो सके। विभागीय छात्रावास और आश्रमों की दैनिक स्वच्छता तथा सेनेटाईजेशन के लिए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र द्वारा जारी गाईडलाइन के आधार पर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के तहत कार्रवाई की जाए। सभी सहायक आयुक्त जिले में स्थित सभी छात्रावास-आश्रमों के अधीक्षकों और कर्मचारियों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया अनुसार प्रशिक्षण की व्यवस्था करें और इसका डेमो भी स्थानीय छात्रावास-आश्रमों में सभी अधीक्षकों, कर्मचारियों को चरणबद्ध तरीके से दिया जाए, ताकि इसका भलीभांति क्रियान्वयन सभी छात्रावास-आश्रमों में किया जा सके। आयुक्त आदिम जाति तथा अनुसूचित विकास विभाग द्वारा जिलों के सहायक आयुक्तों को मानक संचालन प्रक्रिया की प्रति भेजते हुए आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। यह निर्देश ऐसे क्वारेंटाईन केन्द्र की स्वच्छता, साफ-सफाई के लिए है, जिनमें ऐसे व्यक्ति निवास करते है, जो कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं या होने की आशंका हो। इनके लिए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र द्वारा जारी गाईडलाइन के अनुसार कार्रवाई की जाए। वातावरण में नोवेल कोरोना वायरस के कई दिनों तक जीवित रहने के कारण ऐसे परिसर तथा क्षेत्र को कोरोना वायरस से संक्रमित है अथवा संक्रमण की आशंका है, उन्हें उपयोग के पूर्व सूक्ष्म जीवाणु नाशक ऐजेन्ट्स जो कि कोरोना वायरस को नष्ट करने के लिए प्रभावी है के माध्यम से स्वच्छ किया जाना आवश्यक है। पानी और घरेलू डिटरजेंट तथा सामान्य कीटानुनाशक पदार्थों का उपयोग सामान्य रूप से साफ-सफाई के रूप मे पर्याप्त है। इसके अतिरिक्त सोडियम हाइपोक्लोराइड कोरोना वायरस के मामले में प्रभावी कीटाणुनाशक है। छात्रावास-आश्रमों में सतह की धूल हटाने के लिए डस्ट माॅप या नम पोंछे के साथ सफाई की जाए। फर्नीचर के नीचे सफाई करे और कोनो से धूल हटाएं। यदि कहीं अधिक धूल इकट्ठा हो तो ब्रस या फावड़े से साफ करे। सफाई के लिए उपयोगी सामान का उपयोग के बाद साफ करके रखें या उसे बदल दे। गर्म पानी में डिटरजेंट मिलाकर उसका घोल तैयार करें, फर्स को साफ करने के लिए तीन बाल्टी तकनीक का उपयोग करें, एक बाल्टी सादे पानी के साथ, दूसरी बाल्टी डिटरजेंट के साथ और तीसरी बाल्टी सोडियम हाइपोक्लोराइड एक प्रतिशत के साथ उपयोग किया जाए। पहले क्षेत्र को गर्म पानी और डिटरजेंट के घोल से पोंछे। उसके बाद पोंछे को सादे पानी में साफ कर निचोड़े। शेष क्षेत्र के लिए इस प्रक्रिया को दोहराया जाए। फर्स को सुखाने के बाद सोडियम हाइपोक्लोराइड एक प्रतिशत के घोल का उपयोग कर पोंछा लगाया जाए। पोंछा लगाने के बीच में घोल या गंदा पानी है तो इसे बार-बार बदला जाए। पोंछा कमरे के धूल कोने से शुरू होकर दरवाजे की तरफ लगाया जाए। सामान की सफाई भी पोंछा सफाई के बीच में करते जाए। पोंछा दिन में दो बार लगाया जाए। छत और दीवार को साफ करने के लिए लम्बे हैण्डल या डण्डे पर पोंछे को बांधकर सफाई करें, ताकि धूल हट जाए। यह सफाई एक छोर से दूसरी छोर तक की जाए। डस्टर या पोंछे ज्यादा गंदा होने पर बदल दिया जाए।