मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने नगरीय क्षेत्रों में अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन के लिए राजस्व विभाग के अंतर्गत नई नीति बनाई गई है। शासन ने नागरिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए नगरीय क्षेत्रों में अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन के लिए पात्र हितग्राहियों को भूमि स्वामी अधिकार देने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। नगरीय क्षेत्रों में अतिक्रमित शासकीय नजूल भूमि के व्यवस्थापन के अंतर्गत भू-स्वामी हक प्राप्त करने के लिए भूमि व्यवस्थापन के समय प्रचलित गाईड लाईन दर के 150 प्रतिशत प्रीमियम राशि और दो प्रतिशत फ्री होल्ड राशि मिलाकर 152 प्रतिशत राशि प्रचलित गाईड लाईन दर पर शासन को भुगतान करना होता है। इसके साथ ही भू-भाटक प्रीमियम का 0.3 प्रतिशत राशि जमा करना होता है। योजना के तहत नगरीय क्षेत्रों में 7500 वर्गफुट तक भूमि के लिए भू-स्वामी हक प्राप्त किया जा सकता है। 7500 वर्गफुट भूमि के व्यवस्थापन के अधिकार जिला कलेक्टरों को दिए गए हैं। इससे अधिक भूमि के व्यवस्थापन का अधिकार राज्य शासन को हैं।
छत्तीसगढ़ शासन की नगरीय क्षेत्रों में अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन की योजना के  तहत 15 साल का भू-भाटक एक मुश्त जमा करने पर छूट मिल रही है। यदि कोई भू-स्वामी 15 साल की भू-भाटक अभी एक साथ जमा करता है, तो उसे अगले 30 साल तक भू-भाटक जमा नहीं करना पड़ेगा। नगरीय क्षेत्र के संबंधित हितग्राही राज्य शासन की इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ लेने के लिए अपने क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के कार्यालय से सम्पर्क कर फायदा उठा सकते हैं। इस नीति के तहत लाभ लेने वाले हितग्राही अतिक्रमण के आरोप और अतिक्रमित भूमि प्रकरण में बार-बार पेशी व कब्जा तोड़े जाने की चिंता से छुटकारा पा सकते हैं।
इसी तरह से राज्य शासन ने नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि के आबंटन/व्यवस्थापन, अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन, गैर रियायती एवं रियायती दरों  पर आबंटित नजूल पट्टों को भूमि स्वामी अधिकार में परिवर्तन विलेखों में देय स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क में छूट देने का निर्णय लिया है। जिसके तहत आबंटन/व्यवस्थपन तथा भूमि स्वामी अधिकार में हस्तांतरति किए जाने वाले विलेखों पर देय स्टाम्प शुल्क 5 प्रतिशत तथा उपकर में छूट प्रदान करते हुए अधिकतम 2 हजार रूपए निर्धारित किया गया है। आबंटन/व्यस्थापन तथा भूमि स्वामी अधिकार के पंजीयन विलेखों पर देय पंजीयन शुल्क 4 प्रतिशत की छूट प्रदान करते हुए अधिकतम 2 हजार रूपए निर्धारित किया गया है। आबंटन/व्यवस्थापन तथा भूमि स्वामी अधिकार में परिवर्तन पर देय स्टाम्प शुल्क पर एक प्रतिशत अतिरिक्त (नगरीय निकाय) शुल्क को पूर्णतः माफ किया गया है। ये सभी छूट 31 मार्च 2021 तक प्रभावशील रहेंगी।