आज केंद्र सरकार ने 34 साल बाद नयी शिक्षा नीति को कैबिनेट की मंजूरी दी है। इससे पहले 1986 में शिक्षा नीति लागू की गई थी। 1992 में इस नीति में कुछ संशोधन किए गए थे। यानी 34 साल बाद देश में एक नई शिक्षा नीति लागू की जा रही है।
नई शिक्षा नीति में पाँचवी क्लास तक मातृभाषा, स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई का माध्यम रखने की बात कही गई है। इसे क्लास आठ या उससे आगे भी बढ़ाया जा सकता है। विदेशी भाषाओं की पढ़ाई सेकेंडरी लेवल से होगी. हालांकि नई शिक्षा नीति में यह भी कहा गया है कि किसी भी भाषा को थोपा नहीं जाएगा।
- पूर्व इसरो प्रमुख के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की एक समिति ने इसका मसौदा तैयार किया था, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने बुधवार को मंज़ूरी दी।
नई शिक्षा नीति में स्कूल शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई बड़े बदलाव किए गए हैं। - स्कूल पाठ्यक्रम के 10 + 2 ढांचे की जगह 5 + 3 + 3 + 4 का नया पाठयक्रम संरचना लागू किया जाएगा जो क्रमशः 3-8, 8-11, 11-14, और 14-18 उम्र के बच्चों के लिए है। इसमें अब तक दूर रखे गए 3-6 साल के बच्चों को स्कूली पाठ्यक्रम के तहत लाने का प्रावधान है, जिसे विश्व स्तर पर बच्चे के मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण चरण के रूप में मान्यता दी गई है।
- मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदल कर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है. इसका मतलब है कि रमेश पोखरियाल निशंक अब देश के शिक्षा मंत्री कहलाएंगे।
- जीडीपी का छह फ़ीसद शिक्षा में लगाने का लक्ष्य जो अभी 4.43 फ़ीसद है।
- 6th क्लास से वोकेशनल कोर्स शुरू किए जाएंगे। इसके लिए इसके इच्छुक छात्रों को छठी क्लास के बाद से ही इंटर्नशिप करवाई जाएगी.
- इसके अलावा म्यूज़िक और आर्ट्स को बढ़ावा दिया जाएगा. इन्हें पाठयक्रम में लागू किया जाएगा
- ई-पाठ्यक्रम क्षेत्रीय भाषाओं में विकसित किए जाएंगे. वर्चुअल लैब विकसित की जा रही है और एक राष्ट्रीय शैक्षिक टेक्नोलॉजी फ़ोरम (NETF) बनाया जा रहा है।
#NEP2020
Equitable and Inclusive Education:
👉Emphasis will be given on Socially & Economically Disadvantaged Groups.
👉School complexes will be supported for providing children with disabilities facilities to suit their needs, ensuring their full participation in the classroom. pic.twitter.com/P36xtKUhnI— Ministry of Education (@EduMinOfIndia) July 29, 2020
भोपाल की सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने ट्वीट कर तीन दशक बाद शिक्षा प्रणाली में किये जा रहे बदलाव के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया.
राष्ट्रीय शिक्षानीति2020 को केंद्रीय कैबिनेट ने दी मंजूरी.नए भारत की नई शिक्षा प्रणाली
विश्व स्तरीय शैक्षणिक प्रणाली उपलब्ध कराने का लक्ष्य.तीन दशक बाद देश की शिक्षा प्रणाली मे सुन्दर बदलाव.
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का आभार @narendramodi @JPNadda @DrRPNishank @BJP4India pic.twitter.com/hlEieybGe5— Sadhvi Pragya Singh Thakur (@sadhvipragyag) July 29, 2020