केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पोस्ट कोविड मैनेजमेंट प्रोटोकॉल जारी किए हैं । यह प्रोटोकॉल उन मरीजों के लिए है, जो घर पर रहते हुए कोरोना से ठीक हो चुके हैं । मंत्रालय ने साफ किया है कि इस प्रोटोकॉल का इस्तेमाल इलाज के लिए नहीं किया जाना है।

व्यक्तिगत स्तर पर प्रोटोकॉल

  • कोविड संक्रमण के दौरान जरूरी सुरक्षा व्यवस्थाओं को जारी रखें (मॉस्क पहनना, हाथों की स्वच्छता और फिजिकल डिस्टेंसिंग बरकरार रखना)
  • पर्याप्त मात्रा में गर्म पानी पीना, संतुलित और पौष्टिक आहार लें. पर्याप्त मात्रा में नींद और आराम करें. शराब और धूम्रपान से दूर रहें।
  • प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली AYUSH दवाईयां खाना- जिन्हें योग्य आयुष प्रैक्टिशनर द्वारा लिखा गया हो।
  • अगर स्वास्थ्य अनुमति देता है, तो रोजाना के घर के काम करना. पेशेवर कामों को धीरे-धीरे शुरू किया जाना चाहिए।
  • हल्की फुल्की एक्सरसाइज- योगासन, प्राणायाम और मेडिटेशन करें. फिजीशियन ने जैसी ब्रीदिंग एक्सरसाइज बताई हो, उसे करें. सुबह-शाम घूमने जाएं।
  • अगर आपको कोई कोमोरबिडिटीज है, तो उसके प्रबंधन के लिए जरूरी दवाएं लें।
  • घर पर ही अपने स्वास्थ्य पर नजर रखें. शरीर का तापमान, ब्लड प्रेशर, सुगर लेवल (अगर डॉयबेटिक हैं तो खासतौर पर). पुराने डॉक्टरों को कोरोना में लेने वाली दवाईयों की जानकारी दें।
  • ग्रेड फीवर, सांस लेने में तकलीफ, SpO2 के 95 फीसदी से नीचे होने, छाती में दर्द होने, बहुत ज्यादा कमजोरी पर खास नजर रखें ।

सामुदायिक स्तर पर प्रोटोकॉल

  • ठीक हो चुके मरीजों से सोशल मीडिया के जरिए अपना अनुभव साझा करवाएं.
  • समुदाय में काम करने वाले स्वसहायता समूहों, नागरिक संगठनों और पेशेवरों की रिकवरी और रिहेब्लिटेशन प्रोसेस में मदद लें।
  • अपने दोस्तों, सामुदायिक स्वास्थ्य कर्मियों और काउंसलर से मानसिक स्वास्थ्य की मदद लें।
  • योगा, मेडिटेशन के ग्रुप सेशन में हिस्सा लें, इस दौरान फिजिकल डिस्टेंसिंग जैसी सभी सावधानियां रखें।

    हेल्थकेयर/ अस्पतालों के स्तर पर

  • खुद जाकर या फोन के जरिए पहली विजिट मरीज के रिकवर होने के सात दिन के भीतर करें।
  • जो मरीज होम आइसोलेशन में गया है, अगर वो लक्षणों की दोबारा शिकायत करता है, तो उसे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया जाए।
  • पोली थेरेपी (कई तरह के इलाज) से बचें, क्योंकि इससे दवाईयों के आपस में घुलने-मिलने का डर होता है. इससे सीरियस एडवर्स इवेंट (SAE) का खतरा होता है।
  • गंभीर अवस्था के मामलों के लिए और भी कड़े उपाय करने होंगे।

    प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली आयुष दवाईयां लें

  • आयुष कवथ (150 ML) रोज, समशमनी वटी (500 मिलीग्राम, दिन में दो बार) या फिर गिलॉय पाउडर को गर्म दूध के साथ 15 दिन तक लें।
  • 500 मिलीग्राम अश्वगंधा को दिन में दो बार लें और हर दिन एक आंवला फल खाएं। या 1 से 3 ग्राम आंवला पाउडर लें. हल्दी और नमक के साथ लहसुन खाएं।
  • सर्कुलर में खासतौर पर सुबह एक चम्मच च्यवनप्राश गर्म दूध के साथ लेने की सलाह दी गई है।