शहर की महिलाओं के हाथ से बने साबुन जल्द ही विदेशों में बिकने जाएंगे। खास और आयुर्वेद तरीके से बने इस साबुन की मांग देश के कई राज्यों के साथ ही विदेशों से भी आ रही है।
राजधानी में ऐसा पहली बार हुआ है जब मिशन-25 की महिलाओं ने बिना किसी सरकारी मदद के खुद का कारोबार खड़ा किया है। अलग-अलग जगहों पर 25-25 महिलाओं का समूह सेनेटरी नेपकीन, पेवर ब्लॉक, ग्रीन सब्जी, के साथ साबुन बना रहा है। इन महिलाओं ने इसके लिए सेटअप भी खुद तैयार किया है। महिलाओं के समूह में अलग-अलग जिम्मेदारी बांटकर काम किया जा रहा है। मार्केटिंग, प्रोडक्शन और फंड इकट्ठा करने का काम अलग-अलग तय है।
महिलाओं के इस खास मार्केटिंग फंडे को समझने के लिए वल्डZ बैंक के अफसरों की एक टीम मंगलवार को रायपुर आ रही है। इस टीम के साथ केंद्र सरकार के अफसर भी दिल्ली से रायपुर आ रहे हैं। जिला पंचायत के अफसरों का दावा है कि विदेशी अफसरों को यह फंडा पसंद आने पर विश्व बैंक की ओर से इनके कारोबार को बढ़ाने के लिए बड़ी मदद मिलेगी। ऐसा पहली बार हो रहा है जब देश के सभी राज्यों में से केवल रायपुर को चुना गया है जहां व्लर्ड बैंक के अफसर मार्केटिंग का फंडा देखने के लिए आ रहे हैं।
साबुन समेत दूसरी चीजों की बिक्री के लिए पहली बार मैग्नेटो और अंबुजा मॉल में सीएसआर स्कीम के तहत दुकानें भी खोली गई हैं। मॉल की इन दुकानों में हर महीने एक लाख रुपए से ज्यादा का कारोबार हो रहा है। तिल्दा के रायखेड़ा में बन पेवर ब्लॉक फैक्ट्री की महिलाओं को केवल छह महीने में ही 64 लाख रुपए का ऑर्डर मिल चुका है। इसमें से 17 लाख रुपए के पेवर ब्लॉक की सप्लाई भी कर दी गई है। महिलाओं के इस ग्रुप के पास रायपुर शहर के सभी बड़े होटलों, संस्थानों और सरकारी विभागों के ऑर्डर मौजूद हैं। इनमें डिमांड के अनुसार प्रोडक्ट की सप्लाई की जा रही है।
पहले आईआईएम अब और कई जगहों पर : महिलाओं के इस मार्केटिंग फंडे को समझने के लिए आईआईएम के छात्र भी स्टडी कर रहे हैं। आईआईएम रायपुर में इन्हीं महिलाओं की ओर से सुपर बाजार खोला गया है। कुछ महीनों में यहां हजारों का कारोबार लाखों में तब्दील हो गया है। इस शुरुआत के बाद अब ट्रिपलआईटी, रावतपुरा सरकार विवि समेत कई बड़े संस्थानों में इसी तरह के सुपर बाजार खोले जा रहे हैं। इस महीने इनकी शुरुआत भी हो जाएगी। राज्य के नए पंचायत मंत्री इन नए बाजारों का शुभारंभ करेंगे।