छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीत सत्र में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को अभिभाषण दिया। उन्होंने अपने अभिभाषण में सूबे की नई सरकार की अब तक की उपलब्धियों का उल्लेख किया। लेकिन अभिभाषण के जरिए छत्तीसगढ़ की राजनीति में झीरम मामले में आगे संग्राम बढ़ने के संकेत मिले।
राज्यपाल आनंदीबेन ने अपने अभिभाषण में झीरम में हुए नक्सली हमले की घटना की जांच पर उंगली उठाई। उन्होंने कहा कि 2013 में हुई यह घटना दुर्भाग्यजनक थी। इससे आदिवासी अंचलों में लोकतांत्रिक मूल्यों तथा कानून व्यवस्था के प्रति आस्था को बड़ा धक्का पहुंचा।
इस घटना में शहीद हुए नेताओं के परिवारों तथा जनसामान्य में इस बात को लेकर रोष था कि इतनी बड़ी घटना की समुचित जांच तक नहीं हो पाई। इन परिस्थितियों को देखते हुए मेरी सरकार ने मंत्रिपरिषद की पहली बैठक में ही घटना की एसआईटी से जांच करवाने का फैसला किया। अभिभाषण 13 मिनट का था।
बीएसपी पर गर्व, औद्योगिक नीति होगी संशोधित।
प्रदेश में वनोपज प्रोसेसिंग के लिए गांवों में इकाईयां लगाई जाएंगी।
प्रदेश की नई पीढ़ी को आईटी से जोड़ेंगे।
लोगों के लिए मुफ्त इलाज की सुविधा का अधिकार सुनिश्चित करेंगे।
खाद्य सुरक्षा का अधिकार, आवास का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, जल-जंगल जमीन का अधिकार अब केवल कानून कि किताबों में सिमटा न रहेगा।
विकास के लिए पिछड़े क्षेत्रों को प्राथमिकता। सड़क, रेल, विमानन, डिजिटल टेलीकॉम कनेक्टिविटी से राज्य को एक सूत्र में बांधेंगे।
पर्यावरण संरक्षण। जलवायु परिवर्तन से लड़ने हर संभव उपाय।
नगरीय विकास में टिकाऊ विकास की दिशा देकर कार्बन न्यूट्रल व्यवस्था के श्रेष्ठ लक्ष्य को हासिल करेंगे।
महिलाओं के अधिकारों का संरक्षण। पत्रकारों, डाक्टरों व वकीलों के लिए विशेष कानून बनाने उच्च स्तरीय समिति।
डॉ. रमन सिंह ने 15 साल में प्रदेश को खोखला किया
अभिभाषण में सभी वर्गों को ध्यान में रख कर उल्लेख किया गया है। समुचित विकास को लेकर अभिभाषण हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने 15 साल में प्रदेश को खोखला किया है, अब 15 दिन भी इंतजार नहीं कर पा रहे। – भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री
सरकार की नीति जाहिर सभी मुद्दों पर पलट रही है
शराब बंदी, बिजली बिल माफी, शाॅर्ट टर्म लोन माफी जैसा कुछ भी अभिभाषण में नजर नहीं आया। इससे सरकार की नीति जाहिर हो गई है। कांग्रेस सिर्फ बड़े वादे कर घोषणा पत्र लाई। सरकार सभी मुद्दों पर पलट रही है। -डॉ. रमन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री