चीन ने भारत की सीमा से सटे तिब्बत में हल्के भार वाले युद्धक टैंक के बाद अब होवित्जर तोपें तैनात कर दी हैं। चीनी अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि सीमा पर सैन्य क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने में सक्षम वाहनों पर इन तोपों को तैनात किया गया है।
ग्लोबल टाइम्स की खबर के मुताबिक तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र में तैनात चीन की जनमुक्ति सेना (पीएलए) को सचल होवित्जर उपलब्ध कराए गए हैं जिसका मकसद सीमा सुरक्षा बढ़ाने के लिए सैनिकों की युद्ध क्षमता को सुधारना है। मीडिया में आई खबरों में चीनी सैन्य विश्लेषकों के हवाले से बताया गया कि नए उपकरण पीएलसी-81 वाहनों पर लगे होवित्जर हैं। चीन-भारत के बीच 2017 के डोकाला विवाद के दौरान तिब्बत में एक आर्टिलरी ब्रिगेड ने इसका इस्तेमाल किया था। सैन्य विशेषज्ञ एवं टीवी कमंटेटर सोंग झोंगपिंग ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि होवित्जर करीब 50 किलोमीटर की दूरी तक गोले दाग सकती है और वह लेजर एवं उपग्रह निर्देशित मिसाइलों को मार गिरा सकती है।
पाकिस्तान: शरीफ की सजा निलंबन पर सुनवाई अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
ऊंचाई वाले इलाकों में मजबूत होगी सेना
सॉन्ग ने कहा कि इससे पीएलए को तिब्बत के अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में ताकत मिलेगी। चीन ने तिब्बत में हल्के युद्धक टैंकों की तैनाती के बाद मोबाइल होवित्जर को लगाने का फैसला लिया है। इससे पहले जब भारत और चीन के बीच डोकलाम का गतिरोध चरम पर था, उस दौरान तिब्बत में हुए युद्धाभ्यास में इनका परीक्षण किया गया था।
भारतवंशी गीता गोपीनाथ ने मुद्राकोष के मुख्य अर्थशास्त्री का पद संभाला