पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भाजपा नेताओं और पूर्व मंत्रियों नरोत्तम मिश्रा और विश्वास सारंग का नाम लेकर आरोप लगाया है कि उन्होंने कांग्रेस के एक विधायक को खरीदने के लिए 100 करोड़ रुपए का लालच दिया। मिश्रा व सारंग ने उन्हें प्रमाण पेश करने की चुनौती दी है।
सिंह ने मंगलवार को विधानसभा परिसर में मीडिया से चर्चा के दौरान यह आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मैहर के भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने कांग्रेस विधायक बैजनाथ कुशवाह को मैसेज किया और उन्हें एक ढाबे ले जाया गया। वहां उनकी मिश्रा और सारंग से मुलाकात हुई। इसमें कुशवाह को 100 करोड़ रुपए देने का लालच दिया गया। कुशवाह को बताया गया कि यदि वह इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं तो उनको ले जाने के लिए चार्टर्ड प्लेन भी तैयार है। सरकार गिराओ और मंत्री बनो।
सिंह ने कहा कि भाजपा तोड़फोड़ की कोशिश कर रही है। उसने कांग्रेस के साथ बसपा, सपा और निर्दलीय विधायकों को भी ऑफर दिए। उन्हें मंत्री पद और करोड़ों रुपए का लालच दिया गया। जरूरत पड़ने पर इन विधायकों को सामने खड़ा कर दूंगा।
हमारा साथ दोगे तो सात पीढि़यां बैठकर खाएंगी : कुशवाह
5-16 दिसंबर को जब मैं भोपाल में था, तब मुझसे पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा और विश्वास सारंग मिले थे। उन्होंने मुझसे कहा था कि आप बहुत गरीब हो। आपकी स्थिति ठीक नहीं है। आप यदि हमारा साथ दोगे तो आपकी सात पीढ़ियां बैठकर खाएंगी। विधायक निधि के फंड में से आप कितना ले लोगे। ये भी कहा था कि ये चार्टर प्लेन खड़ा है, अभी दिल्ली चलो। हमें ऑफर करोड़ों में किया गया था। लेकिन हमने उनकी बात को सिरे से खारिज कर दिया था। उसी समय दिग्विजय सिंह जी को बता दिया था।
पलटवार- प्रमाण हैं तो पेश करें : नरोत्तम, सारंग
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के आरोप पर पूर्व मंत्री व भाजपा विधायक नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि यदि उनके पास प्रमाण है, तो पेश करें। ऐसे तो कोई भी आरोप लगा सकता है। सरकार उनकी है, वे कार्रवाई करें, उन्हें किसने रोका है। पूर्व मंत्री व भाजपा विधायक विश्वास सारंग ने आरोप को निराधार बताते हुए कहा कि खुद की मुश्किल और गलतियों से जनता का ध्यान हटाने के लिए दिग्विजय सिंह शगूफों की राजनीति कर रहे हैं। प्रमाण हो, तो सामने लेकर लाएं।
गंभीर वित्तीय संकट से गुजर रही है सरकार : राज्यपाल
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि वर्तमान सरकार गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रही है। राजस्व आधिक्य में पिछले छह सात सालों में कमी कमी आई है, और 2018-19 में तो सरप्लस की स्थिति खत्म ही हो गई है। प्रदेश पर वर्ष 2003-04 में 34 हजार 672 करोड़ रुपए का कर्ज था जो 2018-19 के बजट अनुमान में 1 लाख 87 हजार 636 करोड़ रुपए हो गया है। इसके बावजूद अनुपूरक बजट में नई योजनाएं शुरु की गई हैं। किसानों का दो लाख रुपए तक का कर्ज माफ कर दिया गया है। राज्यपाल पंद्रहवीं विधानसभा के पहले सत्र में सदन को संबोधित कर रही थी। राज्यपाल ने अभिभाषण में कहा कि किसान अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। वचनपत्र में किसानों के कल्याण और खेती किसानी से संबंधित सभी वचनों को पूरा किया जाएगा। अगले पांच सालों में सिंचाई की क्षमता बढ़ाकर 65 लाख हेक्टेयर की जाएगी। ग्राम पंचायत स्तर पर गौशालाएं बनवाई जाएंगी। विधानसभा में वित्त मंत्री तरुण भनोट ने इस वित्तीय वर्ष का 22347 करोड़ का पहला अनुपूरक बजट पेश किया। इसमें किसानों की कर्जमाफी के लिए 5000 करोड़ का प्रावधान किया गया है। भावांतर और फ्लैट रेट स्कीम के लिए 1500 करोड़ दिए गए हैं। सहकारिता के लिए 1000 करोड़ और अध्यापकों के वेतन के लिए 1600 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।