दीपोत्सव में अब कुछ ही दिन बचे है और पूरा परिवेश त्यौहारमय हो चुका है। दीपावली में घरों को दियों से रोशन किये जाने की पुरानी परंपरा है। दीपावली का त्यौहार जहां एक ओर ढेरों खुशियां लेकर आता है वहीं कई लोगों को यह रोजगार और आय के अवसर भी उपलब्ध कराता है। ऐसा ही अवसर जिले के राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के समूह कीे महिलाओं को मिला है जो गोबर एवं मिट्टी के दीये तैयार कर रही हैं। बाजार में कृत्रिम दीयों से इतर मिट्टी के बने दीयों की काफी मांग है जिससे महिलाओं को अच्छी आय प्राप्त होगी। शासन के बहुआयामी गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गौठान में खरीदे गये गोबर का उपयोग खाद बनाने के साथ ही महिलाएं दीये बनाने में कर रही हैं। महिलाएं दीयों को विभिन्न रंगों में रंगने के साथ-साथ उनमें कलात्मक प्रयोग भी कर रही हैं, जिससे दीये और भी आकर्षक लगते हंै। विकासखण्ड राजपुर के विकास और मुस्कान समूह की महिलाएं गोबर के कुल 8 हजार दीये तैयार कर चुकी हैं। दीया बना रही मुस्कान समूह की महिलाओं ने बताया कि दीपावली के समय दीयों की मांग रहती हैं जिससे अच्छी आय प्राप्त हो सकती है। एनआरएलएम के सहयोग से हमने गोबर का दीया तैयार करने का फैसला किया, जिसके लिए गौठान से हमें आसानी से गोबर भी प्राप्त हो जाता है। दीपावली में गोबर एवं मिट्टी के दीये का विशेष महत्व है, लोग मिट्टी के दीयों से घर-आंगन रोशन करते है जिससे इसकी काफी मांग रहती है। विकासखण्ड कुसमी के सेमरा की चन्द्रकान्ता समूह, रामचन्द्रपुर की लक्ष्मी समूह तथा शंकरगढ़ की संतरा समूह भी दीया निर्माण का कार्य कर रही हैं। समूह के महिलाओं ने प्रशासन के सहयोग के लिए उनका धन्यवाद दिया है। ऐसे अवसर और सहयोग से ही हमारा मनोबल बढ़ता है जो आगे भी कार्य करने को प्रोत्साहित करती हैं। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री हरीष एस. बताते हैं कि दीपावली में गोबर एवं मिट्टी के दीयों के महत्व को देखते हुए महिलाओं के लिए इसे एक रोजगार का अवसर मान कर उन्हें दीया निर्माण के कार्य से जोड़ने का फैसला लिया गया। कृत्रिम दीयों के स्थान पर गोबर एवं मिट्टी से बने दीये बाजार में आने को तैयार हैं। समूह की महिलाएं समस्त जनपद कार्यालयांें, बिहान मार्ट तथा जिला कार्यालय परिसर में स्टाॅल लगाकर दीयों का विक्रय करेंगी। दीये को महिलाओं ने अपनी कला से काफी आकर्षक रूप दिया है तथा व्यावसायिक स्पर्धा को देखते हुए इसकी अच्छी पैकेजिंग भी की गयी है। उन्होंने बताया कि कलेक्टर सर के निर्देशन में महिलाओं को आजीविका मूलक कार्यों से निरंतर जोड़ा गया है जो उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।