जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही से। सुबह करीब 15 मिनट की देरी से डाक मतपत्रों कि शुरुआत होते ही कांग्रेस के उम्मीदवार लीड कर रहे थे। जोगी के क्षेत्र में पहली बार बिना जोगी परिवार के चुनाव हुए और जिला बनते ही पहली बार कांग्रेस ने भाजपा को 38197 वोटो से हरा दिया।
केके ध्रुव को कुल वोट 83561 मिले जबकि डॉक्टर गंभीर सिंह को 45364 वोटो से संतुष्ट होना पड़ा। कांग्रेस और डॉक्टर के के ध्रुव के समर्थको में जीत की खुशी इस प्रकार रही कि अमित जोगी को ट्वीट कर नाराजगी जतानी पड़ी
मेरे पैतृक जोगी निवास के ठीक सामने लाखों के फटाके फोड़कर क्या कांग्रेसी मेरे पिता जी की मौत का जश्न मना रहे हैं?फटाके तब फोड़ते जब वो जोगी परिवार को चुनाव के मैदान में हराते।खुद से अकेले कुश्ती लड़ने वालों की जीत का ये जश्न हास्यास्पद नहीं तो क्या है?इस जीत का एकमात्र कारण मेरे
— Amit Ajit Jogi (@amitjogi) November 10, 2020
कांग्रेस कि जीत से भूपेश सरकार कि ऊर्जा दुगुनी हुई है। मरवाही की जनता ने राज्य सरकार के फैसले पर न केवल अपनी सहमति दी बल्कि मुहर लगा दी है। पहली बार जोगी परिवार से हटकर अपना नया जनप्रतिनिधि चुनना मतलब अब मरवाही क्षेत्र का विकास जनता देखना चाहती है । भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय का यह पहला चुनाव था। जिसमे वो झटका खा गए हैं। उपचुनाव के दौरान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम,जिले के प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल से लेकर राज्य मंत्रिमंडल के मंत्रियों से लेकर विधायकों की फौज ने पूरे एक पखवाड़े मरवाही में कैंप किया था।
मरवाही का उपचुनाव महज विधायक चुनने का चुनाव नहीं था बल्कि यह मरवाही के साथ बीते 18 सालों तक हुए छल को जनता द्वारा लोकतांत्रिक जवाब देने की परीक्षा थी।
मुझे खुशी है कि मरवाही की जनता ने इस परीक्षा को प्रचंड बहुमत से उत्तीर्ण किया है।
डॉ के. के ध्रुव जी को बधाई एवं शुभकामनाएं। pic.twitter.com/ZNYulJV3ZV
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) November 10, 2020