भारत सरकार द्वारा जारी राष्ट्रपति के गज़ट नोटिफिकेशन में जारी दिनांक 10 नवम्बर 2020 के अनुसार अब ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल , समसामयिक विषय वस्तु, ऑनलाइन फिल्म्स प्रोग्राम्स अब भारत सरकार द्वारा अधीन किये गए है। ये सभी सूचना प्रसारण मंत्रालय के अधीन आएंगे। भारत सरकार के कार्य आवंटन नियमानुसार 1961 की द्वितीय सूची में प्रविष्टि 22 में सभी ऑनलाइन न्यूज़ विषय वस्तु को फिल्म्स में जोड़ा गया है ये प्रेस में सम्मिलित नहीं है। ये संशोधन नियम 2020 है।
व्यापार नियम 1961 के आवंटन के तहत अनुसूची “सूचना और प्रसारण मंत्रालय” के तहत, प्रसारण नीति और प्रशासन, केबल टेलीविजन नीति, रेडियो, दूरदर्शन, फिल्मों, विज्ञापन और दृश्य प्रचार, प्रेस, प्रकाशन, और निपटने वाली नौ प्रमुख श्रेणियां हैं।

केंद्र सरकार ने इसके पहले सुप्रीम कोर्ट में एक मामले में दलील दी थी कि ऑनलाइन माध्यम का नियमन टीवी से अधिक जरूरी है. अब सरकार ने ऑनलाइन माध्यम से न्यूज़ या कंटेंट देने वाले साधनों को मंत्रालय के तहत लाने का बड़ा फैसला लिया है. केंद्र सरकार ने एक गजट नोटिफिकेशन के जरिए बुधवार को यह बताया है कि ऑनलाइन फिल्म डिजिटल न्यूज़ और करंट अफेयर्स जैसे कंटेंट सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत आएंगे. इस समय भारत सरकार में मंत्री प्रकाश जावड़ेकर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का कामकाज देख रहे हैं. भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस संबंध में जारी एक नोटिफिकेशन पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. भारत में इस समय डिजिटल कंटेंट के नियमन के लिए कोई कानून या स्वायत्त संस्था नहीं है. प्रिंट मीडिया के नियमन के लिए प्रेस आयोग, न्यूज चैनलों के लिए न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन और एडवर्टाइज़िंग के नियमन के लिए एडवर्टाइज़िंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया है, जबकि फिल्मों के लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन है. इससे पहले साल 2019 में सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि मोदी सरकार मीडिया की आजादी पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाना चाहते. उन्होंने कहा था कि ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए कुछ न कुछ नियम कानून जरूर होने चाहिए, जबकि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एवं फिल्मों के लिए पहले से नियम हैं.