दुनियाभर के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के लिए ब्लैकहोल आज भी राज बना हुआ है। सौरमंडल से परे इसके अस्तित्व और बनने की वजह को लेकर अभी एक राय नहीं है। लेकिन दुनिया की सबसे बड़ी दूरबीन ब्लैकहोल का राज खोलने की तैयारी में है।

रात होते ही खुल जाता है इसका दरवाजा: चिली के अटाकामा मरूस्थल में दुनिया की सबसे बड़ी दूरबीन (वीएलटी) स्थित है। रात होते ही बेहद बड़े आकार के आइनों से लैस इस दैत्याकार दूरबीन का दरवाजा खुलता है। इसके बाद यह सौरमंडल की छोटी से छोटी रोशनी को पकड़ कर ब्रह्मांड के राज खोलने में लग जाती है।

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20 साल से ब्लैकहोल का कर रही पीछा: वीएलटी ने 20 साल पहले सौरमंडल से दूर एक रोशनी देखी थी। सौरमंडल से दूर ब्लैकहोल का अस्तित्व माना जाता है। लेकिन ब्लैकहोल में किसी भी तरह की रोशनी नहीं होती है। इसके बाद से करीब 17 देशों के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का यहां जमावड़ा लगा हुआ है और उनके लिए यह स्वर्ग से कम नहीं है।

स्पष्ट दिखता है अंतरिक्ष का नजारा: चिली में यह दूरबीन जहां स्थित है वहां साल के 330 दिन आकाश बिना बादलों के एकदम साफ होता है। रात भी धुंधभरी नहीं होती और हवाएं भी तेज नहीं चलती हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि दूसरी जगहों पर कई बार धुंध और हवाओं की वजह से वेवलेंथ गड़बड़ हो जाती है। जबकि यहां स्थित दूरबीन से अंतरिक्ष का नजारा एकदम स्पष्ट दिखाई देता है।

क्या है ब्लैकहोल: जब कोई तारा टूटता है तो वह ब्लैकहोल बन जाता है। उससे कोई भी प्रकाश आर-पार नहीं हो सकता है। इनमें गुरुत्वाकर्षण शक्ति इतनी ज्यादा होती है कि बड़ी से बड़ी वस्तु को भी अपनी ओर खींच लेता है और यहां तक कि अपने से छोटे तारों भी खींच लेता है।

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अब व्हाइट होल से चौंकने की बारी
ब्लैकहोल की पहेली सुलझाने में लगे दुनियाभर के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के लिए अब व्हाइट होल से चौंकने की बारी है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ब्लैकहोल के विपरित व्हाइट होल से रोशनी हमेशा निकलती रहती है और वह किसी भी वस्तु को बाहर की ओर फेंकता है। अंतरिक्ष वैज्ञानिक बॉब वॉल्ड का कहना है कि अभी यह विचार के स्तर पर है लेकिन कई वैज्ञानिक अब इसकी खोज में लग गए हैं। उनका कहना है कि वह अपने सहयोगियों के साथ क्वांटम मैकेनिक्स के जरिये भविष्य में इसका राज खोल सकते हैं। हालांकि, व्हाइट होल के अस्तित्व को कई वैज्ञानिक शक की नजर से देख रहे हैं।

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