भोपाल : हमारा शहर – हमारी शान है, स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 में प्रत्येक नागरिक फीडबैक दे और अपने शहर को देश में नंबर वन बनाने में अपना योगदान करें । सभी नागरिकों की अपने शहर की स्वच्छता में अहम भूमिका होती है । उसी से उनकी पहचान होती है, स्वच्छ शहर हमारी संस्कृति, हमारे आचार व्यवहार का आईना होता है । यह बात संभागायुक्त श्री कवीन्द्र कियावत ने शहर के सभी स्कूल और कॉलेजों से आए प्रतिनिधियों से कही । बैठक में संयुक्त संचालक स्कूल शिक्षा श्री राजीव सिंह तोमर, उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं नगर निगम आयुक्त श्री केवीएस चौधरी कोलसानी उपस्थित थे ।

स्वच्छ भारत अभियान के तहत कमिश्नर श्री कियावत ने गुरूवार को सुबह साढ़े 9 बजे उत्कृष्ट विद्यालय में शिक्षकों/प्राचार्यों और बाद में संभागायुक्त सभागार में कालेज के प्राचार्यों से संवाद किया । श्री कियावत ने कहा कि सभी संस्थान अपने विद्यार्थियों के माध्यम से अधिकाधिक नागरिकों को स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 का फीडबैक दिलवाने के लिए अभियान चलाएं । विद्यार्थी एवं उनके परिजन सहित ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस अभियान का हिस्सा बनाकर भोपाल को देश में नंबर वन बनाएं ।

कियावत ने बताया कि भोपाल को देश का सबसे स्वच्छ शहर बनाने के लिए नगर निगम का अमला दिन रात काम कर रहा है । लॉकडाउन में भी नगर निगम ने कर्तव्य की पराकाष्ठा तक जाकर काम किया । नागरिकों को आवश्यक सेवाएं देने के साथ-साथ साफ-सफाई, घर-घर जाकर कचरा संग्रहण का कार्य बिना नागा के नियमित रूप से किया । नागरिकों का भी फर्ज है कि स्वच्छ सर्वेक्षण – 2021 का फीडबैक दें ।

कियावत ने स्कूल और कॉलेज के प्राचार्यों से कहा कि अपनी संस्था के कचरे के डिस्पोजल के लिए नवाचार करें । गीले कचरे से बायोकम्पोस्ट बनाकर गार्डन में खाद के रूप में उपयोग करें । सभी शिक्षकों ने नगर निगम के कार्यों की सराहना की तथा इस अभियान में अपना शत-प्रतिशत योगदान देने का आश्वासन भी दिया ।

आयुक्त नगर निगम ने जानकारी दी कि स्वच्छ सर्वेक्षण में किसी भी शहर की स्वच्छता का सर्वेक्षण कुछ निर्धारित बिंदुओं पर होता है । इसमें नागरिकों का फीडबैक भी बहुत महत्वपूर्ण पहलू है । इसमें नागरिकों को अपने शहर से संबंधित 9 सवालों का जवाब देना होता है । उन्होंने बताया कि शहर में सॉलिड वेस्ट से चारकोल निर्माण किया जा रहा है । शहर की स्वच्छता और सौंदर्यीकरण के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है । इस दौरान प्राचार्यों को फीडबैक देने संबंधी प्रक्रिया से भी अवगत कराया गया । मौके पर ही वालंटियर ने प्राचार्यों को सूक्ष्मता से प्रशिक्षण भी दिया ।