सुप्रीम कोर्ट ने ओवर द टॉप यानी OTT प्लेटफॉर्म्स के रेगुलेशन के लिए केंद्र सरकार की नई गाइडलाइंस पर भी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि इन गाइडलाइंस में कोई दम नहीं है, क्योंकि इनमें मुकदमा चलाने का प्रोविजन नहीं है। साथ ही कहा कि OTT प्लेटफॉर्म्स को कंट्रोल करने के लिए गाइडलाइन की बजाय कानून बनाना चाहिए।

इस मामले में सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार सही कदम उठाने पर विचार करेगी। साथ ही कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर किसी भी रेगुलेशन के बारे में कोर्ट को बताया जाएगा।

तांडव मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा था कि OTT प्लेटफॉर्म्स पर जो भी कंटेंट दिखाया जाता है, उसकी स्क्रीनिंग होनी चाहिए, क्योंकि कुछ प्लेटफॉर्म्स पर तो पोर्नोग्राफी भी दिखाई जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सोशल मीडिया और ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स को रेगुलेट करने के लिए बनी नई गाइडलाइन सौंपने को भी कहा था।