दिल्ली : कोरोना के गंभीर संकट के बावजूद, दिल्ली सरकार ने शिक्षकों के लिए विश्वस्तरीय प्रशिक्षण और मेंटरिंग के अवसर सुनिश्चित करने का प्रयास ज़ारी रखा है। इसी दिशा में शिक्षा निदेशालय ने रीजनल इंग्लिश लैंग्वेज ऑफिस (RELO), अमेरिकी दूतावास के भागीदारी से, 2017 में TESOL सर्टिफिकेशन प्रोग्राम (टीसीसीपी) शुरू किया। कोरोना की शुरुआत के साथ, ट्रेनिंग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित हो गए और अब तक TESOL कार्यक्रम में दिल्ली सरकार के 800 से अधिक शिक्षकों प्रशिक्षित हुए है। साथ ही अबतक दिल्ली सरकार के 13 शिक्षकों को बहुप्रतिष्ठित फुलब्राइट फेलोशिप भी मिल चुकी है। सोमवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक ऑनलाइन कार्यक्रम में दिल्ली सरकार के मेंटर टीचर्स को TESOL कोर सर्टिफिकेट प्रोग्राम पूरा करने पर बधाई दी और 75 मेंटर टीचर्स के साथ ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स प्रोग्राम को लांच किया।
TESOL कोर्स को पूरा करने वाले शिक्षकों को बधाई देते हुए, श्री सिसोदिया ने कहा, “मैं TESOL, अमेरिकी दूतावास और अमेरिकी सरकार की टीम का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने महामारी की परवाह किए बिना हमारे शिक्षकों को इतने सहज तरीके से प्रशिक्षण देने में हमारी मदद की। TESOL कार्यक्रम के माध्यम से 800 से अधिक शिक्षकों ने गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्राप्त किया है। उपमुख्यमंत्री ने जब इस कोर्स को पूरा करने वाले शिक्षकों के साथ बातचीत की, तो शिक्षकों बताया कि कैसे इस कार्यक्रम ने उन्हें यह समझने में मदद की, कि कैसे अंग्रेजी को एक भाषा के रूप में सीखा जा सकता है, न कि एक विषय के रूप में।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि शहम सभी इस विषय पर चिंतित हैं कि महामारी की चुनौतियों के दौरान कैसे छात्रों के भविष्य की बेहतरी के लिए उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाए। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से हमारे शिक्षकों को बेहतर ट्रेनिंग मिलेगी जिससे लाखों छात्र प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम ने अंग्रेजी भाषा पर हर शिक्षक की पकड़ को मजबूत किया है और मुझे यकीन है कि हमारे छात्रों को इससे काफी फायदा होगा। इसलिए एक विकसित शिक्षा प्रणाली का ढांचा तैयार करने के लिए दिल्ली सरकार, शिक्षकों के मेंटरिंग और ट्रेनिंग पर ज़्यादा ध्यान देती है।”
कार्यक्रम में दिल्ली के शिक्षा निदेशक उदित प्रकाश राय भी मौजूद थे। उन्होंने कहा, “हमारे शिक्षकों ने इस कार्यक्रम की लगातार प्रशंसा की है। यह केवल एक प्रशिक्षण कार्यक्रम नहीं है, वास्तव में इसने शिक्षकों को अंग्रेजी में सोचने की जगह दी है और इसका बच्चों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। जब आप सीखना बंद कर देते हैं तो आप बढ़ना बंद कर देते हैं। हम इस आदर्श वाक्य के साथ जीते हैं कि सीखना आकर्षक होना चाहिए और हमारे शिक्षकों के लिए यह विशेष प्रशिक्षण आकर्षक रहा है। कई शिक्षकों ने इस प्रशिक्षण से लाभ उठाया है और अपने इंग्लिश स्किल्स को बेहतर किया है।”
इस ट्रेनिंग कोर्स को पूरा करने वाली दिल्ली सरकार के स्कूल की एक टीचर संगीता शर्मा ने कहा, “इस कोर्स से मुझे बहुत से इनसाइट्स मिले है जिसे मैं टीचिंग-लर्निंग प्रोसेस में शामिल कर सकती हूं। TSEOL कोर्स के कारण मेरी थिंकिंग प्रोसेस में बदलाव आया है और स्किल्स बढ़ी है।”
इस ट्रेनिंग कोर्स को पूरा करने वाले दिल्ली सरकार के स्कूल के एक अन्य शिक्षक विवेक भारद्वाज ने कहा, “शिक्षक चाहे कितना भी अनुभवी क्यों न हो, सीखने और सुधार की गुंजाइश हमेशा रहती है। मेरे लिए ये ट्रेनिंग प्रोग्राम एक बेहतरीन अनुभव था जहां हमें अपने विचारों को साझा करने का एक मंच मिला। मुझे खुशी है कि हमने जो कुछ सीखा उसका उपयोग अपने छात्रों को इंटरैक्टिव तरीके से इंग्लिश सिखाने में करेंगे।
ये प्रोग्राम दिल्ली सरकार के स्कूलों में बच्चों को इंग्लिश की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के उद्देश्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। दिल्ली सरकार ने अमेरिकी दूतावास के सहयोग से शिक्षकों के लिए TESOL ‘ट्रेनिंग फॉर ट्रेनर्स कोर्स सर्टिफिकेट’ भी लॉन्च किया है, जिसमें इंटरैक्टिव वर्कशॉप्स, डिज़ाइन डेवलपमेंट प्लान और ओवरऑल पेडगॉजिकल ड्राइव जैसे कंपोनेंट्स शामिल होंगे।