मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली कैबिनेट ने आज केंद्र के प्रस्ताव के अनुरूप विधायकों के वेतन वृद्धि को मंजूरी दे दी। अब दिल्ली के विधायकों को 30 हजार रुपए वेतन मिलेंगे। कैबिनेट ने विधायकों के लिए केंद्र सरकार के प्रस्तावित वेतन को मंजूरी दी है। इसके बाद भी दिल्ली के विधायक पूरे भारत में सबसे कम वेतन पाने वाले विधायकों में से एक होंगे। दिल्ली के विधायकों का वेतन पिछले 10 साल से नहीं बढ़ा है। दिल्ली सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनुरोध किया था कि विधायकों का वेतन और भत्ते अन्य राज्यों के विधायकों के बराबर किया जाए। देश के कई राज्य अपने विधायकों को हाउस रेंट, ऑफिस रेंट, स्टाफ और वाहन अलाउंज जैसी अन्य सुविधाएं और भत्ते देते हैं, लेकिन दिल्ली के विधायक इन सुविधाओं से वंचित हैं।
दिल्ली कैबिनेट द्वारा वेतन वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद दिल्ली के विधायकों को अब 30 हजार रुपए वेतन मिलेंगे। इसके बाद भी दिल्ली के विधायक देश के अन्य राज्यों के विधायकों की तुलना में सबसे कम वेतन पाने वालों में से एक होंगे। उदाहरण स्वरूप, उत्तराखंड 1.98 लाख, हिमाचल प्रदेश 1.90 लाख, हरियाणा 1.55 लाख, बिहार 1.30 लाख रुपए प्रतिमाह वेतन और भत्ते विधायकों को दिए जाते हैं। इसके अलावा भी कई अन्य राज्य अपने विधायकों को बहुत अधिक वेतन व भत्तों का भुगतान करते हैं। जैसे- राजस्थान में 1.42 लाख रुपए और तेलंगाना में विधायकों को सबसे अधिक 2.5 लाख रुपए प्रतिमाह का भुगतान होता है।
दिल्ली के विधायकों के वेतन और भत्ते पिछली बार 2011 में बढ़ाए गए थे। पिछले 10 वर्षों में कोई वृद्धि नहीं हुई। भले ही दिल्ली में रहने की लागत में काफी वृद्धि हुई है। दिल्ली सरकार ने अन्य राज्यों के बराबर विधायकों के लिए 54,000 रुपए वेतन का प्रस्ताव दिया था। हालांकि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ऐसा करने की अनुमति नहीं दी और वेतन को 30 हजार रुपए तक सीमित कर दिया। इस तरह, अब दिल्ली के विधायकों के वेतन और भत्ते को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 90 हजार रुपए तक सीमित कर दिया है।
दिल्ली अभी भी उन राज्यों की सूची में शामिल है, जो अपने विधायकों को कम से कम वेतन और भत्ते देते हैं। वहीं, कई राज्य अपने विधायकों को बहुत अधिक वेतन प्रदान करते हैं, जबकि दिल्ली में रहने का खर्च देश के अधिकांश हिस्सों की तुलना में अधिक है।
कई राज्य अपने विधायकों को कई अन्य सुविधाएं और भत्ते प्रदान करते हैं, लेकिन दिल्ली के विधायक उन सुविधाओं और भत्तों से वंचित हैं। जैसे- हाउस रेंट, ऑफिस रेंट, कर्मचारियों का खर्च, कार्यालय के उपकरण खरीदने के लिए भत्ता, उपयोग के लिए वाहन, चालक भत्ता आदि।
दिल्ली के विधायकों के वेतन और भत्तों में वृद्धि का प्रस्ताव पिछले 5 साल से गृह मंत्रालय के पास लंबित था। कई चर्चाओं के बाद, गृह मंत्रालय ने इस बढ़ोत्तरी को 90 हजार रुपए प्रति माह तक सीमित करने का फैसला किया। दिल्ली मंत्रिमंडल ने आज दिल्ली सरकार के मंत्रियों के वेतन और भत्ते, (संशोधन) विधेयक 2021 और दिल्ली विधानसभा के विधायक/स्पीकर-डिप्टी स्पीकर/मुख्य सचेतक/विपक्ष के नेता (संशोधन) विधेयक 2021 को मंजूरी दे दी। कैबिनेट की मंजूरी के बाद दिल्ली विधानसभा में रखे जाने से पहले प्रस्ताव और मसौदा विधेयकों को गृह मंत्रालय की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
अब विधायकों को यह मिलेगा वेतन और भत्ता
विवरण प्रस्तावित (2021)
वेतन 30,000
चुनाव क्षेत्र भत्ता 25,000
सचिवालयी भत्ता 15,000
टेलिफोन भत्ता 10,000
वाहन भत्ता 10,000
कुल 90,000
Photo : CM kejriwal