राजनांदगांव:  हरेली का पर्व छत्तीसगढ़ के खेती-किसानी एवं हमारी अमूल्य लोक संस्कृति से गहराई से जुड़ा हुआ त्यौहार है। यह पर्व अच्छी खेती के साथ खुशहाली एवं समृद्धि का उत्सव है। हरेली का त्यौहार हमें अपने लोक संस्कृति, परंपरा एवं मान्यताओं को आत्मसात करने एवं सहजने की प्रेरणा देता है। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल गांव के पुराने गौरव को स्थापित करना चाहते हैं तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप जिले में हरेली का त्यौहार सभी विकासखंडों में मनाने की तैयारी चल रही है।
कलेक्टर  तारन प्रकाश सिन्हा के मार्गदर्शन में जिले में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। महिला स्वसहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए सभी गौठानों को मल्टीएक्टीविटी केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। जिले में 558 गौठानों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है अभी वर्तमान में 358 सक्रिय गौठान हैं। इन गौठानों में गोधन न्याय योजना के तहत जिले में कुल 6 लाख 64 हजार 126 क्ंिवटल गोबर की खरीदी की गई है। जिससे किसानों, पशुपालकों, समूह की महिलाओं एवं चरवाहों के खाते में लगभग 13 करोड़ 3 लाख 50 हजार रूपए की राशि अंतरित की गई। अब तक जिले में 79135.19 क्ंिवटल वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण किया गया है। जिसमें से 53828.61 क्ंिवटल वर्मी कम्पोस्ट तथा 25306.58 क्ंिवटल सुपर कम्पोस्ट का निर्माण किया गया है। अब तक 42325.59 क्ंिवटल वर्मी कम्पोस्ट तथा 3590.63 क्ंिवटल सुपर कम्पोस्ट का विक्रय किया गया है। वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय सेे 1 करोड़ 13 लाख 25 हजार रूपए की राशि लाभांश के रूप में स्वसहायता समूह की महिलाओं एवं 1 करोड़ 66 लाख 82 हजार रूपए की राशि गौठान समिति हेतु प्राप्त हुई। नगर निगम राजनांदगांव द्वारा नवीन पहल करते हुए समूह की महिलाओं द्वारा बनाए वर्मी कम्पोस्ट का अमेजन एवं इंडिया मार्ट जैसी ई-कामर्स कंपनी के माध्यम से खाद विक्रय किया जा रहा है। बिहान की महिलाएं गौठानों में गोबर से लकड़ी, कुक्कुटपालन, मत्स्यपालन, सामुदायिक बाड़ी, मिनी राईस मिल, चेनवायर फेसिंग, केचुआ पालन, सीमेंट पोल निर्माण, गोबर गमला निर्माण, मशरूम उत्पादन, बीज उत्पादन, गेंदा फूल उत्पादन जैसी गतिविधियों में संलग्न है। समूह की महिलाओं द्वारा धान, बांस, रखिया बीज, चावल, अरहर, मोती से सजी खुबसूरत राखियां बनाई जा रही हैं, जो बहुत लोकप्रिय हो रही है और इन राखियों को अमेजन के माध्यम से भी विक्रय किया जा रहा है। शहर के डीमार्ट एवं मार्केट में यहां की राखियां विक्रय के लिए उपलब्ध है।
जिले के 366 गौठानों में स्वसहायता समूह की क्रियाकलाप हेतु वर्कशेड का निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है। साथ ही महिला स्वसहायता समूह की आजीविका संवर्धन हेतु 25 गौठानों में मुर्गीपालन शेड, 25 गौठानों में मशरूम पालन शेड, 30 से अधिक गौठानों में मछलीपालन हेतु तालाबों का निर्माण, 189 गौठानों में बाड़ी विकास एवं लगभग 350 गौठानों में चारागाह के निर्माण की स्वीकृति जैसे कार्यों से महिला स्वसहायता समूह की महिलाओं को आजीविका से जोड़ा जा रहा है। साथ ही साथ जिले में प्रत्येक जिला अधिकारी को दो से तीन गौठानों का नोडल अधिकारी नियुक्त कर गौठान के विकास कार्य को गति प्रदान की गई है। जिले के कलेक्टर  तारन प्रकाश सिन्हा एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत  लोकेश चंद्राकर द्वारा लगातार गौठानों का निरीक्षण किया जा रहा है। हरेली के त्यौहार पर छत्तीसगढ़ी पारंपरिक खेल जैसे गेड़ी दौड़, कुर्सी दौड़, फुगड़ी, रस्सा-कस्सी, भौंरा, नारियल फेक प्रतियोगिता छत्तीसगढ़ी पारंपरिक व्यंजन आदि की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा।