प्रदेश के किसानों को ऋण मुक्त करने के लिए प्रारंभ की गयी जय किसान फसल ऋण माफी योजना के सफल क्रियान्वयन से किसानों में नई ऊर्जा का संचार हुआ है।   यह योजना किसानों की आर्थिक प्रगति का आधार बन रही है। किसान अब ऋण मुक्त होकर अगली फसल की तैयारी में जुट गये हैं।

मुरैना जिले में तहसील अम्बाह के किसान रामअवतार का 74 हजार 677 रूपये का ऋण माफ हुआ है। इस बार उपज से मिले पैसों से वो पशुपालन शुरू करेंगे और दूध बेचकर रोजमर्रा की जरूरत के लिये रोज कमाएंगे। अम्बाह के ही जौंहा (हवेली) निवासी किसान राजेन्द्र सिंह तोमर ने वर्ष 2013 में कृषि विस्तार के लिए 80 हजार तथा खाद के लिए 14 हजार ऋण लिया था। आर्थिक तंगी के कारण समय पर जमा नहीं कर पा रहे थे। इसलिये यह बढ़कर एक लाख 90 हजार से अधिक हो गया था। जय किसान फसल ऋण माफी योजना में इनका एक लाख 90 हजार 90 रूपये का ऋण माफ हुआ। दोनों किसानों ने राज्य शासन का आभार माना है।

 रायसेन जिले के ग्राम डाबर निवासी चरण सिंह बघेल लघु कृषक हैं। इन्होंने स्टेट बैंक से यह सोचकर ऋण लिया था कि फसल आने पर वापस कर देंगे। उत्पादन बहुत कम होने के कारण ऋण जमा नहीं कर पा रहे थे। इनका एक लाख 74 हजार 955 रूपये का फसल ऋण माफ हुआ, तो चैन की सांस ली। रायसेन जिले की बरेली तहसील के ग्राम बगलवाड़ा के किसान बसंत कुमार भी आर्थिक तंगी के कारण कर्ज नही लौटा पा रहे थे। इनका एक लाख 79 हजार 195 रूपये का ऋण योजनान्तर्गत माफ हुआ है।

डिडोंरी जिले की ग्राम किवंटी निवासी कृषक सम्पतिया बाई ऋण मुक्त होने से बहुत खुश है। जबलपुर जिले में पाटन तहसील के किसान घनश्याम प्रसाद का एक लाख 97 हजार 217 रूपये का कृषि ऋण इस योजना में माफ हुआ है। वो कहते हैं कि पिछला कर्ज चुकता होने से अब अगली फसल के लिये खाद-बीज लेना है लेकिन कोई चिंता नहीं। सहकारी समिति से और कर्ज लेकर खेती-किसानी करेंगे।

जय किसान फसल ऋण माफी योजना के क्रियान्वयन से किसानों के परिवार खुश हैं, चिंता मुक्त हैं। किसान इस योजना को हरित क्रान्ति की ओर अग्रसर महत्वपूर्ण कदम मानते हैं।

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