चेन्नई: भारत ने 22 जुलाई, 2019 को दोपहर 2:43 मिनट पर अंतरिक्ष की दुनिया में ऊंची छलांग लगाई है. श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से जीएसएलवी-मार्क तृतीय प्रक्षेपण यान से अंतरिक्ष यान चंद्रयान-2 को लॉन्च कर भारत ने दुनिया को अपने दमखम का परिचय दिखाया है. यह लांचिंग पूरी तरह से कामयाब रही. चांद और पृथ्वी के बीच में 3,84,000 KM. की दूरी है. इस दूरी को पूरा करने में यान को कुल 48 दिन लगेंगे. उस दिन वह चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा. चंद्रयान-2 चांद की कक्षा में पहुंचकर दो हिस्सों में विभाजित होगा. चंद्रयान-2 का एक हिस्सा कक्षा में और दूसरा हिस्सा चांद पर उतरेगा. चांद पर पहुंचने के बाद विक्रम लैंडर से लेकर प्रज्ञान रोवर चांद पर 14 दिन रहेंगे.
सफल प्रक्षेपण के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए इसरो चीफ डॉ के सिवन ने कहा कि चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग हमारी सोच से भी बेहतर हुई है. चंद्रयान-2 टीम में शामिल सभी वैज्ञानिकों को बधाई. चांद को लेकर ऐतिहासिक शुरुआत हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंद्रयान-2 की सफल लॉन्चिंग पर देश को बधाई दी. उन्होंने कहा कि ये पूरी तरह से स्वदेशी मिशन है. ये पल हमारे गौरवशाली इतिहास में गर्व होगा. हर भारतीय को अपने वैज्ञानिकों पर गर्व होगा.
3.8 टन वजनी है चंद्रयान-2
भारत की ओर से चंद्रयान-2 का कुल वजन 3.8 टन (3,850 किलोग्राम) है. इस चंद्रयान-2 तहत एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर भी चांद पर जा रहे हैं. इनका नाम चंद्रयान-2 ऑर्बिटर, विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर है. चांद की सतह पर लैंडर विक्रम 7 सितंबर, 2019 को लैंड करेगा.