भोपाल। बाघों की मौत के मामले में मध्य प्रदेश लगातार चौथे साल पहले नंबर पर आ सकता है। प्रदेश में महज नौ माह में 23 बाघों की मौत हो चुकी है। यह जानकारी वनमंत्री उमंग सिंघार ने गुरुवार को सदन में दी। विधायक विश्वास सारंग के सवाल पर मंत्री ने बताया कि एक अक्टूबर 2018 से 26 जून 2019 तक इन बाघों की मौत हुई है।
प्रदेश में पिछले तीन सालों में 28 से 33 बाघों की मौत के आंकड़े सामने आ रहे हैं। यह संख्या देश में सबसे ज्यादा है। हालांकि वनमंत्री सिंघार ने भरोसा दिलाया है कि प्रदेश के संरक्षित और सामान्य वन क्षेत्रों में बाघों की मॉनीटरिंग पूरी कसावट के साथ की जा रही है। चौबीसों घंटे और सातों दिन सघन पेट्रोलिंग हो रही है। जिससे प्रदेश के वन क्षेत्र के समस्त बाघ सुरक्षित हैं।.
मंत्री ने बताया है कि पन्ना टाइगर रिजर्व में आरक्षित और संरक्षित वन भूमि क्षेत्र में आवासीय और व्यावसायिक दृष्टि से अतिक्रमण के दो मामले सामने आए हैं। इन प्रकरणों में अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है