दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ने अक्टूबर-नवंबर में पड़ोसी राज्यों में पराली जलाये जाने की वजह से और सर्दियों में मौसम परिवर्तन से होने वाले वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार के एक्शन प्लान की घोषणा शुक्रवार को की। दिल्ली सचिवालय में हुई प्रेस कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री ने कहा, “दिल्ली में प्रदूषण 25 फीसदी कम हो गया है। ये दिल्ली के लोगों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है। दिल्ली देश का अकेला शहर है जहां प्रदूषण घटना शुरू हुआ है। अभी प्रदूषण को और कम करना है। हमें सतर्क रहना होगा कि ये फिर से ना बढ़ने पाये। इसके अलावा हमें कई सारे प्रयास करने हैं, जिससे हम इसे और कम कर सकें। अभी हमें प्रदूषण इतना कम करना है जब हम कह सकें कि ये ‘गुड’ की रेंज में आ गया है। पूरे साल में लगभग 10-11 महीने प्रदूषण कम हुआ है लेकिन नवंबर के महीने में  आसपास के राज्यों से पराली जलने की वजह से धुआं दिल्ली पर छा जाता है, पूरी दिल्ली में घने धुएं के बादल मंडराने लगता है, सांस लेने में दिक्कत होने लगती है, दिल्ली गैस चैंबर की तरह बन जाती है। इसको लेकर हमारा मानना है कि केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार, पंजाब सरकार अपने स्तर पर कोशिश कर रही हैं। दिल्ली सरकार अपनी तरफ से उस कोशिश में जो भी संभव होगा, पूरी मदद करेगी। हम अपनी तरफ से केंद्र सरकार, पंजाब सरकार, हरियाणा सरकार से बातचीत करते रहे हैं, लिखते रहे हैं, लिखते रहेंगे, बातचीत करते रहेंगे ताकि वहां का धुआं न दिल्ली न आने पाये, वहां पराली जलनी बंद हो जाए। लेकिन जब तक ये धुआं आ रहा है, हम हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठ सकते। जब ये धुआं आता है तो हमें अपने परिवार की चिंता होती है, अपने बच्चों की चिंता होती है, अपने बुजुर्गों की चिंता होती है।“

श्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “पराली जलाने के दौरान जब धुआं आएगा उस समय हम प्रदूषण से निपटने के लिए क्या-क्या कदम उठाएं, इसके लिए हमने जनता से सुझाव मांगे थे। हमने ये भी कहा था कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया ग्रेडेड एक्शन प्लान हम लागू करेंगे। लेकिन इसके अलावा भी हमें काफी कुछ करना है। पिछले हफ्ते-दस दिन के अंदर कई सारे आरडब्ल्यूए से चर्चा की, कई सारे एक्पट्र्स से चर्चा की। हमें 1200 से ज्यादा सुझाव मिले हैं। बहुत अच्छे-अच्छे सुझाव आए हैं। जिन लोगों ने हमें सुझाव भेजे हैं, हम उनका शुक्रिया अदा करते हैं।“

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सारे सुझावों और चर्चा के आधार पर हमने 7 प्वाइंट एक्शन प्लान बनाया है। पराली के प्रदूषण से निपटने के लिए 7 प्वाइंट एक्शन प्लान हैं :

  1. चार नवंबर से 15 नवंबर के बीच दिल्ली में ऑड-ईवन लागू किया जाएगा। ऑड-ईवन के बारे में जो स्टडीज हुई हैं, उससे पता चलता है कि इस कदम से प्रदूषण में लगभग 10 से 13 फीसदी की कमी होती है। ये इमरजेंसी में उठाया जाने वाला कदम है। पराली जलने की वजह से दिल्ली में धुआं आ जाता है और दिल्ली एक गैस चैंबर बन जाती है, तो ये एक इमरजेंसी जैसी स्थिति हो जाती है जिसकी वजह से ऑड-ईवन लागू किया जाएगा।
  2. दिल्ली सरकार बड़े स्तर पर मास्क उपलब्ध करवाएगी। हम उस समय दिल्ली के लोगों को बड़े स्तर पर मास्क मुहैया कराएंगे ताकि जो लोग चाहें वे मास्क का उपयोग कर सकें। एन 95 कैटिगरी के मास्क खरीदे जाएंगे। बताया जा रहा है कि ये सबसे बेहतरीन गुणवत्ता वाले मास्क होते हैं।
  3. दीवाली पर पटाखों की वजह से काफी प्रदूषण होता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से दीवाली के मौके पर पटाखों पर बैन लग चुका है। हम दिल्ली के लोगों से आह्वान करते हैं कि वे पटाखों का इस्तेमाल न करें। इस बार सारी दिल्ली के लोग मिलकर एकसाथ दीवाली मनाएंगे। छोटी दीवाली के मौके पर इस बार दिल्ली सरकार बहुत बड़ा लेजर शो आयोजित करेगी। हम चाहते हैं कि दिल्ली के लोग ज्यादा से ज्यादा संख्या में उस शो में पहुंचें। वहां सभी के लिए एंट्री फ्री होगी। हमें उम्मीद है कि इस बार लोग पटाखों का इस्तेमाल नहीं करेंगे।
  4. धूल उड़ने की वजह से काफी प्रदूषण होता है। इससे बचाव के लिए बहुत बड़े स्तर पर पानी का छिड़काव किया जाएगा। मैकेनाइज्ड स्वीपिंग जो कि एमसीडी को करनी है, हम एमसीडी के साथ मिलकर कोशिश करेंगे कि ज्यादा से ज्यादा स्वीपिंग मैकेनाइज्ड हो।
  5. दिल्ली में 12 ऐसे स्पॉट्स हैं, जहां प्रदूषण थोड़ा ज्यादा हैं, इनको हॉट स्पॉट्स कहा गया है, यहां प्रदूषण कम करने के लिए अलग से योजना बनाई जाएगी।
  6. सर्दियों के दिनों में बहुत सारे लोग, बहुत सारे चौकीदार इत्यादि कूड़ा या पत्तियां इकट्ठा करके जलाते हैं, वो धुआं ऊपर नहीं जाता है, इसकी वजह से बहुत प्रदूषण होता है। इसको बंद करने के लिए हम हर वार्ड में दो-दो एनवायरनमेंट मॉर्शल की नियुक्ति करेंगे और बहुत बड़े स्तर पर विभिन्न आरडब्ल्यूए को इसमें शामिल करेंगे।
  7. दिल्ली में पेड़ लगाने के लिए हम जनता को शामिल करेंगे। इसमें जो-जो लोग अपने घर में पेड़-पौधे लगाना चाहेंगे, उनको एक नंबर दे दिया जाएगा, जिस पर वो एसएमएस या व्हाट्सएप कर देंगे, उनके घर में पेड़-पौधे की होम डिलीवरी करा देंगे। उनसे हम निवेदन करेंगे कि वे उसकी देखभाल करें और उसको बड़ा करें। ये अभियान डेल्ही ट्री चैलेंज के नाम से होगा। ये अभियान लंबा चलेगा।

मुख्यमंत्री ने ये भी बताया कि इसके अलावा एक वार रूम बनाया जा रहा है। प्रदूषण से संबंधित जितनी भी शिकायतें आएंगी वे वार-रूम में रिसीव होंगी और उन पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा स्कूली बच्चों के अंदर प्रदूषण और पर्यावरण को लेकर जागरूकता लाई जाएगी। बच्चों को बताया जाएगा कि प्रदूषण से बचने के लिए क्या-क्या किया जाना चाहिए। स्कूली बच्चों के जरिये उनके पैरेंट्स को भी प्रेरित किया जाएगा। 15 नवंबर के बाद जब पराली जलाने की वजह से होने वाला प्रदूषण कम हो जाएगा तब सात में दो प्वाइंट्स- ऑड-ईवन और दीवाली पर लेजर शो- को छोड़कर बाकी पांचों प्वाइंट्स पूरी सर्दियों में लागू रहेंगे। ये हमारा विंटर एक्शन प्लान होगा। इसके अलावा प्रदूषण कम करने के लिए हमारी लॉन्ग टर्म प्लानिंग भी है :

–    अगले 8 से 10 महीने के भीतर 4,000 बसें दिल्ली की सड़कों पर आ जाएंगी। बसें आनी चालू हो गई हैं।

–    बस एग्रीगेटर पॉलिसी जल्दी ही एनाउंस कर दी जाएगी, नोटिफाई कर दी जाएगी। हमें उम्मीद है कि इसमें बड़े स्तर पर प्राइवेट सेक्टर के लोग लग्जरी बसों में इन्वेस्ट करेंगे ताकि निजी वाहन वाले जो लोग हैं, वो अपने निजी वाहन को छोड़कर सार्वजनिक वाहनों में आना शुरू करें।

–    दिल्ली में डीटीसी और क्लस्टर की बसों के रूट्स का नये सिरे निर्धारण पिछले एक साल से चल रहा है। नई बसें भी आ रही हैं। इससे भी बसों की फ्रीक्वेंसी काफी बढ़ जाएगी।

–    मेट्रो फेस 4 लागू हो रहा है। सभी जगह से अप्रूवल आ चुकी है।

–    लास्ट माइल कनेक्टिवटी के लिए बड़े स्तर पर छोटी इलेक्ट्रिक वीकल को लागू किया जाएगा।

–    आने वाले दिनों में पूरी दिल्ली में बस स्टैंड्स को बदला जाएगा। इन बस स्टैंड्स को आधुनिक सुविधाओं से युक्त किया जाएगा। यहां हर बस का एराइवल स्टेट्स बोर्ड पर मिलेगा।

–    इलेक्ट्रिक वीकल पॉलिसी कुछ दिनों के अंदर नोटिफाई होने जा रही है। हमने वेबसाइट पर ड्राफ्ट पॉलिसी डाली थी जिन लोगों ने ड्राफ्ट पॉलिसी देखी है, उनका कहना है कि ये देश की सबसे बेहतरीन इलेक्ट्रिक वीकल पॉलिसी है।

–    अभी 1000 इलेक्ट्रिक बसें दिल्ली में आ रही हैं। इनके अनुभव के आधार पर दिल्ली में भविष्य में जो भी बसें खरीदी जाएंगे वो इलेक्ट्रिक बसें होंगी। हम किसी तरह के फ्यूल को अभी बैन नहीं कर रहे हैं लेकिन हम चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा दूसरे वीकल भी इलेक्ट्रिक वीकल की तरफ से शिफ्ट करें।

दिल्ली में ग्रीनिंग की दिशा में हम काम कर रहे हैं। इसके अलावा हम चाहते हैं कि दिल्ली में 100 फीसदी मैकेनाइज्ड स्वीपिंग लागू हो। हम इस दिशा में काम करेंगे।

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