नई दिल्ली: कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों के मंत्रियों का सम्मेलन और अप्रेंटिसशिप पखवाड़े का सोमवार को शुभारंभ किया। इस दौरान कौशल भारत और कुशल भारत के निर्माण के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी दी गई। सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के कौशल विकासए तकनीकी शिक्षा और रोजगार मंत्री श्री उमेश पटेल ने राज्य में उद्यमशीलता और राइट टू स्किल को लेकर कई सुझाव दिए। उन्होंने राइट टू स्किल योजना के तहत युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए केंद्रीय स्तर पर प्लेसमेंट सेल के गठन की बात कही।
उन्होंने कहा कि इसके योजना के गाईडलाइन में परिवर्तन का अधिकार राज्यों के पास भी होना चाहिए जिससे राज्य अपनी जरूरत के मुताबिक बदलाव कर सके।
इस दौरान मंत्री श्री पटेल ने कहा कि अगर डिमांड और उद्योगों के हिसाब से राइट टू स्किल को बनाया गया तो इसे लागू करने में कई दिक्कतें होंगी। कौशल के अधिकार और उद्योगों की मांग में विरोधाभास पैदा हो सकता है। उन्होंने कहा इसके तहत दी जाने वाली कोर्सेज की भी जानकारी पहले ही निर्धारित होनी चाहिएए जिससे युवा अपनी जरूरत और प्राथमिकता के अनुसार स्किल का चुनाव कर सकें। राज्यों में राइट टू स्किल को लागू करने में मशीनरी की दिक्कतें आ सकती हैंए जिसकी कमी केंद्र को दूर करना चाहिए। वहींए उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्तर पर प्लेसमेंट सेल का गठन होए जिससे विभिन्न राज्यों के समन्वय से जहाँ जरूरत हो वहाँ युवाओं को रोजगार मिल सके।