सतपुड़ा पर्वत की गोद में बसा छिंदवाड़ा जिला भौगोलिक क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है। यह प्राकृतिक और खनन संसाधनों की दृष्टि से मध्य प्रदेश का एक संपन्न जिला भी है। आज का छिंदवाड़ा विकसित छिंदवाड़ा है जो भविष्य की अपार संभावनाएं खुद में समेटे है। 1980 में पिछड़ापन, दुर्गम रास्तों, और अनुत्पादकता छिंदवाड़ा की पहचान थी लेकिन अब छिंदवाड़ा उन्नत होती कृषि, पर्याप्त बिजली, स्वच्छ पेयजल, सबके लिए सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं और युवाओं के लिए समुचित शिक्षा व रोजगार के लिए स्किल डेवलपमेंट सेंटर्स के लिए जाना जाता है। छिंदवाड़ा के इस मॉडल के शिल्पी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ हैं जिन्होंने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और समर्पण भाव से छिंदवाड़ा के पिछड़ेपन को विकास के मॉडल में बदल दिया।
छिंदवाड़ा में अधोसंरचना का विकास नियोजित शहरी विकास का एक उदाहरण है। देश के अन्य शहर जहां कंजेशन, आनियोजित विकास, आवश्यक सुविधाओं का अभाव अधूरा इंफ्रास्ट्रक्चर ,अच्छी आवासीय सुविधाओं का अभाव से गुजर रहे हैं वही छिंदवाड़ा में अधोसंरचना का विकास भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। 11हजार वर्ग किलोमीटर के विस्तृत क्षेत्र में फैले जिले के मध्य स्थित छिंदवाड़ा शहर की आबादी तीन लाख जरूर है किंतु इसका नियोजन क्षेत्र 56 किलोमीटर की परिधि में फैला है जिसमें एक विश्वविद्यालय, उद्यानिकी महाविद्यालय तथा एग्रीकल्चर महाविद्यालय भी आकार ले रहा है । छिंदवाड़ा में मेडिकल कॉलेज (सिम्स) व सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल भी का निर्माण किया जा रहा है। छिंदवाड़ा और महाकौशल क्षेत्र के अधिकांश लोगों के लिए जहां घर के नजदीक गंभीर बिमारियों उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवाएं मिलेंगी यह भविष्य में मेडीकल शिक्षा के हब के रूप में विकसित होगा, इसकी पर्याप्त संभावनाएं हैं।
छिंदवाड़ा के जनप्रतिनिधि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने क्षेत्र के विकास में सामाजिक अधोसंरचना के विकास पर भी पर्याप्त ध्यान दिया है। युवाओं को कौशल की कमी से रोजगार मिलने में आने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए छिंदवाड़ा को स्किल डेवलपमेंट के हब के रूप में विकसित किया गया। छिंदवाड़ा में पहला स्किल डेवलपमेंट सेंटर कंप्यूटर क्षेत्र की कंपनी एनआईआईटी ने प्रारंभ किया। इसके शुभारंभ पर श्री नाथ ने विप्रो, टीसीएस, इंफोसिस, डेल, सुजलॉन और आईबीएम के प्रमुख पदाधिकारियों को मार्गदर्शन के लिए आमंत्रित किया। स्किल डेवलपमेंट को लेकर कमलनाथ का बहुत स्पष्ट विजन है, उनका मानना है कि इंजीनियरिंग और अन्य प्रोफेशनल कोर्सेज करने वाले युवाओं के लिए अलग तरह के जॉब हो सकते हैं लेकिन स्किल डेवलपमेंट को लेकर हमारी पहली चिंता आठवीं पास युवाओं को हुनरमंद बनाने की थी क्योंकि स्थानीय स्तर पर उनके रोजगार की व्यवस्था करना चुनौतीपूर्ण था। स्किल डेवलपमेंट के छिंदवाड़ा मॉडल की सफलता के पीछे कमलनाथ की कड़ी मेहनत और सतत मॉनिटरिंग करने की रणनीति को श्रेय दिया जाना चाहिए। उनके आस पास और जानने वाले लोगों का कहना है कि श्री नाथ हर काम की प्रगति रिपोर्ट खुद देखते हैं इसलिए वह कोई काम अधूरा नहीं छोड़ते।
छिंदवाड़ा जिला आज औद्योगिक दृष्टि से संपन्न जिला है जहां 200 से अधिक औद्योगिक इकाइयां संचालित है। बोर गांव में खाद्य प्रसंस्करण के लिए फूड पार्क विकसित किया जा चुका है। लैहगढ़वा में 100 एकड़ में बनने वाले इंडस्ट्रियल पार्क से इंडस्ट्रियल विकास की भी नई रूपरेखा तय होगी वही टैक्सटाइल पार्क अपनी अलग तरह की संभावनाएं समेटे हुए हैं जो शीघ्र ही आकार लेने वाला है। छिंदवाड़ा को मध्य प्रदेश के बड़े शिक्षा केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। सड़क और रेलमार्ग के माध्यम से देश के विभिन्न हिस्सों से जुडे़ छिंदवाड़ा के लोगों में एयर कनेक्टिविटी की मांग भी उठने लगी है। छिंदवाड़ा की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यहां एयर कनेक्टिविटी क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। उद्योग, शिक्षा और मेडीकल के केंद्र के रूप में छिंदवाड़ा का विकास यहां बाहरी लोगों के आवागमन में वृद्धि करेगा। महाराष्ट्र में स्थित वर्धा एक ड्राई पोर्ट है जो छिंदवाड़ा के नजदीक है। यह भी उल्लेखनीय है कि छिंदवाड़ा के एक तरफ पचमढ़ी और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व है वहीं दूसरी तरफ पेंच राष्ट्रीय उद्यान, छिंदवाड़ा जिले में है जो प्रकृति प्रेमियों को दुनिया भर से अपनी तरफ आकर्षित करता है। वायु परिवहन के स्थल के रूप में छिंदवाड़ा का चयन जनता के साथ मुख्यमंत्री कमलनाथ की विकास की इस अनवरत यात्रा को समग्रता ही प्रदान करेगा।एयरपोर्ट की पूरे अंचल को प्रतीक्षा है।मुख्यमंत्री कमल नाथ जी विकास के हर आयाम पर नजर रखे हुए हैं।

(आनन्द जाट
स्वतंत्र पत्रकार और टिप्पणीकार हैं)