रायपुर . छत्तीसगढ़ में समाज कल्याण विभाग में हुए 1000 करोड़ के घोटाले में  सीबीआई रेणुका सिंह को फर्स्ट पार्टी बनाकर शेष अन्य 12 लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी, सरकारी दस्तावेजों में कूटरचना और आपराधिक षड्यंत्र को लेकर अपराध दर्ज कर सकती है। इन्ही धाराओं में दो अन्य नौकरशाहों की भी छुट्टी हो सकती है। सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने रेणुका सिंह के खिलाफ अपराध दर्ज करने को लेकर केंद्र सरकार से काननूी राय मांगी है। सीबीआई के एक ज्वाइंट डायरेक्टर ने बिलासपुर हाईकोर्ट के फैसले की प्रतिलिपि अपने लीगल सेल को भेजा है। वहीं सीबीआई एक-दो दिन में अपराध दर्ज कर सकती है। सीबीआई के अफसर समाज कल्याण विभाग में दबिश देने की तैयारी में है।

एक चीफ जस्टिस की गाड़ी के लिए खर्च किए 31 लाख: समाज कल्याण विभाग के अफसरों ने सरकारी पैसों पर डाका डालने में सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन एक चीफ जस्टिस को भी नहीं बख्शा। उनके वाहन के व्यय के नाम पर 31 लाख रुपए सरकारी खाते से निकाल लिया। संजीव रेड्डी नाम के एक गुमनाम डाॅक्टर को एकमुश्त 24 लाख का भुगतान कर डाला। संजीव रेड्डी कौन है, जांच में अफसरों ने चुप्पी साध ली। तत्कालीन मुख्य सचिव अजय सिंह ने पिछले साल हाईकोर्ट में 500 पन्नों की रिट सौंपी थी। उसमें उन्होंने स्वीकार किया है इस मामले में लगभग 200 करोड़ रुपए की गड़बड़ी हुई है। जांच रिपोर्ट में उन्होंने हाईकोर्ट को बताया कि संस्थान में 21 लोगों को अधिकारी, कर्मचारी बताया गया। जबकि, वास्तव में वहां एक कर्मचारी काम करता पाया गया। मुख्य सचिव ने यह भी कहा है कि चार करोड़ रुपए समाज कल्याण के अफसरों ने बिना अनुमोदन लिए प्रायवेट लोगों के खातों में ट्रांसफर कर दिया।