वॉशिंगटन. अमेरिकी संसद के उच्च सदन सीनेट में बुधवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प महाभियोग के सभी आरोपों से बरी हो गए। उन पर सत्ता का दुरुपयोग करने और कांग्रेस (अमेरिकी संसद) के काम में रुकावट डालने का आरोप था। सीनेट में रिपब्लिकंस (ट्रम्प की पार्टी) का बहुमत है। लिहाजा सत्ता के दुरुपयोग के आरोप पर ट्रम्प को 52-48 और कांग्रेस के काम में रुकावट डालने के आरोप पर 53-47 वोट मिले। महाभियोग के संकट से निकलने वाले ट्रम्प अमेरिकी इतिहास के तीसरे राष्ट्रपति हैं।
उटाह से सीनेटर मिट रोमनी अकेले रिपब्लिकन रहे, जिन्होंने ट्रम्प के खिलाफ (सत्ता के दुरुपयोग के समर्थन में) वोट किया। हालांकि, रोमनी ने कांग्रेस के काम में बाधा डालने के आरोप में ट्रम्प के समर्थन में वोट दिया।
‘ट्रम्प आरोपमुक्त हुए’
सीनेट से बरी होने के बाद व्हाइट हाउस की प्रवक्ता स्टेफनी ग्रीशम ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति ट्रम्प को सारे आरोपों से मुक्ति मिल गई है। यह एक तरह से उनकी पुनर्स्थापना जैसा है। डेमोक्रेट्स का शर्मनाक बर्ताव अब बीते दिनों की बात हो गई है।’’ ग्रीशम ने आगामी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि क्या उनके (डेमोक्रेट्स) खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए?
तीन सदी में 3 राष्ट्रपतियों पर महाभियोग
अमेरिका के 243 सालों के इतिहास में यह तीसरा मौका था, जब किसी राष्ट्रपति पर महाभियोग की कार्रवाई हुई। 19वीं सदी में एंड्रयू जॉनसन, 20वीं सदी में बिल क्लिंटन पर महाभियोग चला। 21वीं सदी ट्रम्प पर महाभियोग की कार्रवाई हुई। इससे पूर्व जिन दोनों राष्ट्रपतियों पर महाभियोग चला, वो उनके दूसरे कार्यकाल में चला, जबकि ट्रम्प पर उनके पहले ही कार्यकाल में महाभियोग लाया गया।