विश्व महिला दिवस पर मात्तृशक्ति को नमन। वैसे तो मात्तृशक्ति सदैव वन्दनीय है क्योंकि ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते , रमन्ते तत्र देवता ‘ (अर्थात, जहाँ नारी का सम्मान होता है वहां स्वयं देवता निवास करते हैं ) किन्तु आधुनिक विश्व में नारियों के प्रति सम्मान ज्ञापित करने हेतु रखे गए विशेष दिवस यानि ” विश्व महिला दिवस ” पर यह भाव व्यक्त करना और भी श्रेयस्कर हो जाता है ।
विश्व फलक पर महिलाओं का बढता प्रभाव उनके द्वारा धरती से आसमान तक किये जा रहे उल्लेखनीय कार्यों का ही परिणाम हैंं , जिसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है । इसी क्रम में यदि भारतीय महिलाओं की बात करें तो अनेक ऐसे नाम स्मरण हो आते हैं जिन्होंने अपने उल्लेखनीय कार्यों से न केवल अपना बल्कि देश का नाम भी अन्तर्राष्ट्रीय पटल पर अंकित किया और सराहना एवं सम्मान प्राप्त किया।
इनमें प्रमुखता से भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल , भारत भूमि से विशेष लगाव के साथ यहीं से अपनी सामाजिक गतिविधियों को सपन्न करने वाली नोबल पुरस्कार प्राप्त मदर टैरेसा , प्रथम महिला चिकित्सक कादम्बिनी गांगुली , पायलट सुषमा , ऐशियाई खेलों में पदक विजेता कमलजीत संधू , अन्तर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट में सौ विकेट लेने वाली डायना इडुलजी , मिस यूनिवर्स सुस्मिता सैन , विश्व सुंदरी रीता फारिया , आइ.पी.एस. किरण बेदी , प्रथम महिला मुख्यमंत्री सुचेता कृपलानी , प्रथम दलित महिला मुख्यमंत्री मायावती , लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार एवं आयरन लेडी नाम से विभूषित भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी , पर्वतारोही बछेंद्री पाल , वायुसेना पायलट हरिता कौर देओल , अभिनेत्री देविका रानी, विदेशी बैंकों द्वारा भारत में निवेश कराने वाली नैना लाल किदवई , विश्व की सबसे बड़ी सौफ्ट ड्रिंक्स बनाने वाली कंपनी की अध्यक्ष इन्दिरा नूई , प्रायवेट बैंकप्रमुख चन्दा कोचर , आइ.टी.उद्दोग का जाना पहचाना नाम नीलम धवन , पर्यावरणविद सुनीता नारायण , कृषि संयंत्र बनाने वाली प्रमुख कम्पनी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी मल्लिका श्रीनिवासन , लेखिका महादेवी वर्मा , अरुन्धति राय एवं हिन्दुस्तान समूह की अध्यक्ष और सम्पादकीय निदेशक तथा बिजनेस वूमेन ऑफ द इयर 2001 , नेशनल प्रेस इन्डिया अवार्ड 1998 , द इकोनोमिक टाइम्स अवार्ड से सम्मानित शोभना भरतिया आदि अनेक ऐसे नाम हैं जिन्होंने अपने अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करते हुए प्रथम होने का गौरव हासिल किया ।
बी.बी.सी. द्वारा विश्व की सौ श्रेष्ठ महिलाओं की सूची मेंं स्थान प्राप्त गायिका आशा भोसले , अदाकारा कामिनी कौशल , टैनिस स्टार सानिया मिर्जा , राजस्थान की किसान रिम्पी कुमारी , कुशल लैंग्वेज इंटरप्रेटर स्मृति नागपाल , महिलाओं के लिये शौचालय की ब्यवस्था हेतु संघर्षरत मुमताज शेख , कैंसर से हार न मानने वाली कनिका टेकरीवाल आदि को देखकर मन गौरव से भर जाता है ।
पी.टी.ऊषा , कर्णम मल्लेश्वरी , मैरीकॉम , सायना नेहवाल , फोगाट बहनें , गायिका लता मंगेशकर , न्रत्यांगना मल्लिका साराभाई , सीरियल निर्माता एकता कपूर , ऐस्ट्रोनोट कल्पना चावला , दूरदर्शन पर समाचार वाचिका सलमा सुल्तान , स्पीकर सुमित्रा महाजन आदि महिला समुदाय के ऐसे नाम हैं जिन्होंने अपने प्रयत्नों से अपने कार्य को असाधारण बनाया और ख्याति अर्जित की ।
उपरोक्त सभी के उल्लेखनीय कार्योंं से सिर्फ देश ही नहीं विदेशों में भी भारतीय महिलाओं का विशेष सम्मान स्थापित हुआ है , जो प्रणम्य है ।
तेजी से प्रगति कर रहे विश्व समुदाय में भारतीय महिलाओं की भागीदारी तेजी से बढ रही है और उनकी कुशलता का लोहा अब पूरा संसार मानता है ।
किन्तु कतिपय महिलावर्ग ने स्वार्थवश इस आजादी और प्रोत्साहन का दुरुपयोग भी किया है जिससे महिलाओं की उत्कृष्ट छवि को क्षति पंहुची है। उदाहरणार्थ हनीट्रैप जैसे मसले , पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या मेंं शामिल होने जैसे मसले और ताजा उदाहरण शाहीन बाग धरने जैसे मसले महिलाओं की प्रगतिशील सोच पर प्रश्नचिन्ह लगाते हैं और राष्ट्रवादी विचारधारा में गतिरोध पैदा करते हैं ।
अपवाद हर जगह होते हैं लेकिन फिर भी महिलाओं को चाहिए कि वे नकारात्मक विचारधारा को अपने जीवन में बिल्कुल भी स्थान न दें , क्योंकि ” नारी ही राष्ट्रनिर्माण की पहली पाठशाला है ।”
” कितना अद्भुत और विलक्षण है यह राष्ट्र जहाँ देश को ‘भारत माता ‘ के सम्बोधन से अलंकृत कर ‘ मात्तृशक्ति सर्वोपरि ‘ का सन्देश समूचे विश्व को दिया गया है ।”
वन्दे मातरम !!