लॉक डाउन से गंगा और यमुना का प्रदूषण भी काफी कम हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार गंगा में उद्योगों से निकला कचरा नहीं गिरने से रियल टाईम वॉटर मॉनिटरिंग में ऑक्सीजन घुलने की मात्रा प्रति लीटर 6 एमजी से अधिक , बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड 2 एमजी प्रति लीटर और कुल कोलीफॉर्म का स्तर 5000प्रति 100 एमएल हो गया है। गंगा और उसकी सहायक नदियों में पीएच का स्तर भी सुधार हुआ है। लॉक डाउन से भले ही आर्थिक गतिविधियों को हानि पहुंच रही है परन्तु पर्यावरण में खुशहाली और सुधार का दौर निरंतर जारी होता जा रहा है। संभव है कि अगर लॉक डाउन 2 महीने तक जारी रहा तो कई और तितली पक्षियों की नई प्रजातियों को नया जीवन दान मिल सकता है साथ है जो दशकों से नहीं हुआ वो ये लॉक डाउन में होना संभावित है।