कोरोना वायरस के संक्रमण और विश्वव्यापी महामारी के दौर में वनवासियों द्वारा संग्रहित लघु वनोपजों की समुचित खरीदी करने की कमान मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा महिला स्व-सहायता समूहों को सौपा गया है। महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य महिलायें गांव-गांव में वनोपज की खरीदी कर रहें है तथा संग्राहकों को वनोपज का नकद भुगतान भी कर रहे हैं, इस कार्य में उन्हें वन अमला का पूरा-पूरा सहयोग प्राप्त हो रहा है। ग्रामीणों को अब अपने द्वारा संग्रहित वनोपज जैसे-ईमली, महुआ, हर्रा, बेहड़ा, कालमेघ, नागरमोथा, कुल्लू गोंद, धंवई फुल, भेलवा इत्यादि वनोपज को बेचने के लिए साप्ताहिक बाजार का इंतजार नहीं करना पड़ रहा है, उनकी जब इच्छा होती है अपने गांव के महिला स्व-सहायता समूह को वनोपज बेचकर वाजिब कीमत प्राप्त कर रहें है और इस प्रकार वे बिचौलियों के चुंगल से भी मुक्त हो चुकें है। पखांजूर तहसील के नक्सल प्रभावित गांव मरोड़ा के ग्रामीण रूसी नवगो ने सरकार इस व्यवस्था पर खुशी का ईजहार करते हुए स्थानीय बोली में कहा कि महुआ बेचने के लिए मुझे अब बाजार जाने की जरूरत नहीं पड़ती, अपने गांव मे ही महिला स्व-सहायता समूह को सही तौल में महुआ बेचकर नकद राशि प्राप्त कर रहा हूॅ, साहब लोगो ने बताया है कि स्व-सहायता समूह के पास वनोपज बेचने से भविष्य में मुझे बोनस भी मिल सकता है। इसी प्रकार के विचार गांव की महिला बारोबाई नवगो एवं रैजीराम नुरूटी ने भी व्यक्त किये।