नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आज के समय में अधिकांश लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए क्रेडिट या डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं। नोटबंदी के बाद से इसके इस्तेमाल में कुछ और तेजी आई है। हालांकि इस बीच क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल से जुड़े फ्रॉड के भी कई मामले सामने आए हैं। तकनीक के बेहतर होने के साथ ही हैकर्स ने भी कार्ड होल्डर्स के कार्ड को हैक करने की तमाम तरकीबें खोज ली हैं।

ध्यान देने योग्य बात यह है कि हैकर्स आपको दो तरीकों से चपत लगा सकते हैं। वो या तो आपके मौजूदा कार्ड की डिटेल का इस्तेमाल करके ऐसा कर सकते हैं या फिर वो आपकी जानकारी चुराने के लिए ऑनलाइन नए कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं। अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में सावधानी नहीं बरतते हैं तो आप आसानी से हैकर्स के निशाने में आ सकते हैं। हालांकि अगर आप इस तरह के फ्रॉड के मामलों से बचना चाहते हैं तो आप कुछ तरीकों से ऐसा कर सकते हैं, जिसके बारे में हम आपको जानकारी दे रहे हैं।

फ्रॉड होने की होती हैं तीन वजहें:

कार्ड का खो जाना या फिर चोरी हो जाना: अगर आपने अपना क्रेडिट कार्ड खो दिया है और आपने उसे तुरंत ब्लॉक नहीं करवाया है तो चोर इसका तुरंत इस्तेमाल कर आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं। वो आपकी ओर से कार्ड को ब्लॉक कराए जाने तक बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं। कभी-कभी चोर कार्ड को उस व्यक्ति तक पहुंचने से पहले ही चुरा लेते हैं जिसने उसके लिए आवेदन किया है। ऐसी सूरत में आपको तुरंत बैंक को इसकी जानकारी देनी चाहिए ताकि आप अपने नुकसान को कम कर सकें।

अकाउंट को टेकओवर कर लेना: इस तरह का फ्रॉड तब होता है जब कार्ड होल्डर किसी के साथ अपनी निजी जानकारियां साझा कर देता है। कार्ड हैकर्स उस जानकारी का इस्तेमाल कर बैंक से संपर्क साधने की कोशिश करता है और उसी के एवज में यह कहकर नया कार्ड जारी करने को कहता है कि उसका पुराना कार्ड खो गया है। इस तरह से फ्रॉड करने वाला व्यक्ति कार्ड होल्डर के अकाउंट को टेकओवर कर लेता है। आज के समय में फिशिंग वो आम तरकीब है जिसका इस्तेमाल कर हैकर्स लोगों की निजी और वित्तीय जानकारियां चुराकर उन्हें चपत लगा देते हैं। लिहाजा किसी के भी साथ अपनी निजी जानकारी साझा करने से बचें।

क्लोन्ड कार्ड: यह फ्रॉड करने का तकनीकी रुप से एडवांस तरीका है। फ्रॉड करने वाला व्यक्ति एक पीओएस की तरह दिखने वाली मशीन में आपका कार्ड स्वाइप करवाता है, लेकिन वास्तव में वो मशीन कार्ड की तमाम जानकारियों को चुरा लेती है जिसकी मदद से फ्रॉड करने वाला व्यक्ति कार्ड की क्लोनिंग कर उसका इस्तेमाल शुरू कर देता है। लिहाजा किसी भी मशीन में अपना कार्ड स्वाइप करने से बचें।

क्रेडिट कार्ड फ्रॉड से इस तरह से बच सकते हैं आप:

अगर आपका कार्ड चोरी हो गया है तो आपको उसे तुरंत ब्लॉक करवाना चाहिए। ऐसी स्थिति में आपको अपना एक मिनट भी बरबाद नहीं करना चाहिए। ऐसा न करना आपको भारी पड़ सकता है।
अपना क्रेडिट कार्ड नंबर और पिन भूलकर भी किसी के भी साथ साझा न करें। ऐसा करना आपक नुकसान में ला सकता है।
बैंक कभी भी आपसे आपके क्रेडिट कार्ड के पिन का नंबर नहीं पूछते हैं। तो अगर ऐसे में आपके पास कोई ऐसा मेल आए जिसमें कहा जाए कि वो बैंक की ओर से आया है और आपको अपना क्रेडिट कार्ड पिन नंबर साझा करना है तो भूलकर भी उस मेल का जवाब न दें।
ऑनलाइन लेन-देन करना आज के समय में काफी आम है। हमेशा सिक्योर पेमेंट गेटवे से ही भुगतान करें। ऐसा कर आप खुद को सुरक्षित कर सकते हैं।
अपने सीवीवी (कार्ड वेरिफिकेशन कोड) नंबर को किसी के भी साथ साझा न करें जो कि कार्ड के पिछले हिस्से पर लिखा होता है। इसकी मदद से कोई भी आपके कार्ड का इस्तेमाल कर सकता है। साथ ही अपने पिन नंबर को भी समय समय पर बदलते रहें।

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