न्यू दिल्ली । देश में बाघों की बढ़ी संख्या के बाद अब इसकी गणना में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल की गई कैमरा ट्रैपिंग तकनीक ने भी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा। 2018 में बाघों की गणना में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हुए कैमरा ट्रैपिंग ने गिनीज व‌र्ल्ड रिकार्ड में जगह बनाई है। जिसमें करीब 27 हजार कैमरों का इस्तेमाल किया गया था। साथ ही इन कैमरों से वन्यजीवों के करीब साढ़े तीन करोड़ फोटो भी लिए गए थे। दावा है कि दुनिया भर में अब तक कहीं भी वन्यजीवों की गणना में इतने बड़े पैमाने पर कैमरों का इस्तेमाल नहीं हुआ है।

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने ट्वीट कर इसे एक अहम क्षण बताया और कहा कि आत्मनिर्भर भारत का एक जीता जागता उदाहरण है। जिसे प्रधानमंत्री के शब्दों में संकल्प से सिद्धि के माध्यम से प्राप्त किया गया है। बता दें कि इस तकनीक के जरिए की गणना की रिपोर्ट जुलाई 2019 में देश के सामने आ गई थी। जिसके तहत देश में बाघों की संख्या 2014 की गणना के मुकाबले 2226 से बढ़कर 2967 हो गई है।