मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश के लिए भी विशेष प्रसन्नता का दिन है। जहां इंदौर ने देश में चौथी बार सबसे साफ स्वच्छ शहर का पुरस्कार जीता है वहीं बेस्ट सेल्फ सस्टेनेबिल कैपिटल अर्थात श्रेष्ठ स्व-समर्थ राजधानी के रूप में भोपाल का चयन हर्ष का विषय है।

भोपाल शहर को विगत वर्ष 19वीं रैंक मिली थी। इस साल उसकी रैंकिंग में इजाफा हुआ है। अब भोपाल सातवें स्थान पर है। उज्जैन को नवाचार कैटेगिरी में “बधाई से सफाई” नवाचार के लिये प्रथम स्थान मिला है। एक लाख से अधिक जनसंख्या की श्रेणी में मध्यप्रदेश के सबसे अधिक छ: शहर शामिल हुए हैं। साथ ही मध्यप्रदेश के 14 नगर निगम देश के टॉप-100 शहरों में शुमार हुए है। इनमें से 10 नगर निगम तो टॉप 25 में जगह बनाने में सफल हुए है। बुरहानपुर शहर को पिछले वर्ष 103वीं रैंक मिली थी। इस वर्ष उसे सबसे तेजी से बढ़ते हुए शहर का पुरस्कार मिला है। नागरिकों की सकरात्मक प्रतिक्रियाओं में देश के सबसे बेहतर शहर का अवार्ड जबलपुर को मिला है। रतलाम नगर निगम को ‍सिटीजन फीडबैक श्रेणी में पुरस्कृत किया गया है। जबलपुर जिले की सिहोरा नगर पालिका को जमीनी जल का बेहतर उपयोग करने की श्रेणी में पुरस्कार प्राप्त हुआ है। सीहोर जिले की शाहगंज नगर पालिका को एक लाख से कम जनसंख्या की श्रेणी में टॉप-20 में जगह मिली है। देवास जिले की काटाफोड़ नगर पालिका को पश्चिमी जोन की 25 हजार की जनसंख्या श्रेणी में सबसे तेजी बढ़ते शहर का खिताब मिला है।

उल्लेखनीय है कि स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 के अंतर्गत देश के 4242 शहरों ने भागीदारी की थी, जिसमें शहरों को साफ-सफाई से आगे स्वच्छता को संस्थागत स्वरूप देना और नागरिक सुविधाओं की उपलब्धता को प्रमुखता से शामिल किया गया था। इस सर्वेक्षण के प्रमुख घटक अपशिष्ट संग्रहण, परिवहन एवं प्र-संस्करण, संवहनीय स्वच्छता, नागरिकों की सहभागिता और नवाचार आदि थे। इन घटकों में कुल छह हजार अंक के आधार पर भारत सरकार ने अधिकृत स्वतंत्र संस्था द्वारा मैदानी मूल्यांकन तथा जनता के फीडबैक के आधार पर अंतिम परिणाम घोषित किये ।