रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्विट कर पूर्व भाजपा सरकार को आड़े हाथे लिया है। बघेल ने लिखा कि डॉक्टर साहेब से न तो गाय संभली न ही गवर्नेंस, अभी तो हमने पिछली सरकार की फाइलों से थोड़ी धूल झाड़ी है और चीख पुकार शुरू हो गई। नान घोटाले की जांच के लिए सरकार ने एसआईटी गठित की है। इसकी कमान उन्हीं आईजी एसआरपी कल्लूरी को दी है, जिन्हें विपक्ष में रहते समय बघेल ने विवादित अफसर बताया था।
ये बदलाव पुर है- सीमए भूपेश बघेल
नान घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने एसआईटी गठित होने के बाद इसे बदलापुर की राजनीति करार दिया है। उनका कहना है कि एक ऐसे आदमी के कहने पर एसआईटी गठित हुई जो खुद मुख्य आरोपी है। इधर सीएम भूपेश बघेल ने ट्विट कर कहा कि “यह बदलाव पुर है। यहां सबसे साथ न्याय होगा। चाहे जंगल में काम करने वाले आदिवासी हों या राजधानी के दफ्तर में बैठकर काम करने वाला कोई अधिकारी।’
मामले में पक्ष-विपक्ष आमने-सामने
ऐसे आदमी के कहने पर एसआईटी का गठन किया गया है जो खुद इस मामले में मुख्य आरोपी है। ये सरकार जानबूझकर बदलापुर की राजनीति कर रही है। एसआईटी का गठन करने वाले किसे बचाना चाह रहे हैं, जांच मैंने कराई है। लोकायुक्त से बड़ी कोई एजेंसी नहीं, उसे जांच दी गई। करोड़ों की राशि जब्त हुई, दर्जनों गिरफ्तारियां हुईं। – पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह
अभी तो फाइलों से धूल हटाई है और चीख निकलने लगी। मैंने विपक्ष की बात गौर से सुनी, उम्मीद थी पश्चाताप के स्वर निकलेंगे। पर दुर्भाग्य है ऐसा नहीं हुआ, तेवर आज भी वही हैं। हमारी सरकार बने मुश्किल से 20 दिन हुए हैं, ऐसे में इतने सवाल कि घोषणाएं कब पूरी होंगी, कैसे होंगी। आप धीरज रखो अभी तक घोषणा पत्र के 9-10 बिंदु पूरे किए हैं बाकी भी करेंगे – सीएम भूपेश बघेल
विवादों में रहे आईजी को जांच की कमान
नान घोटाले की स्पेशल इन्वेस्टिगेटिव टीम (एसआईटी) की कमान आईजी एसआरपी कल्लूरी संभालेंगे। उनकी टीम में कुल 12 सदस्य होंगे। इनमें एक एसपी, दो एएसपी, दो डीएसपी, 5 टीआई समेत एक विधि विशेषज्ञ शामिल हैं। कल्लूरी बस्तर में नक्सल कार्रवाई को लेकर विवादों में रहे हैं। उन्हें जब ईओडब्लू और एसीबी का आईजी बनाया गया था तो सोशल मीडिया में इसकी खूब आलोचना हुई थी। फिर भी सरकार ने कल्लूरी को नान घोटाले की जांच के मुखिया के रूप में उनका कद बढ़ा दिया है।
कल्लूरी को विवादित अफसर बताया था सीएम बघेल ने
पीसीसी चीफ रहते भूपेश बघेल खुद कल्लूरी को विवादित अफसर बताकर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर चुके हैं। राज्य में सत्ता बदलने के बाद पीएचक्यू से मुख्यधारा में लाकर आईजी कल्लूरी को ईओडब्लू-एसीबी में पोस्टिंग दी गई और अब एसआईटी चीफ बना दिया गया है, इसलिए भूपेश सरकार अब कल्लूरी को लेकर भाजपा के निशाने पर है।
कल्लूरी ने टीम में रखे करीबी अफसर
एसआईटी टीम में जिन अफसरों को शामिल किया गया है, उनमें कुछ आईजी कल्लूरी के बेहद करीबी माने जाते हैं। नारायणपुर के एसपी कल्याण एेलेसेला को उनके खेमे का माना जाता है। बस्तर में कल्लूरी की पोस्टिंग के दौरान ऐलेसेला लंबे समय तक वहां पदस्थ रहे। सीआईडी के अफसर भी उनके करीबी हैं। इसी तरह एक डीएसपी को कल्लूरी खेमे का माना जाता है। बाकी अफसर चूंकि यहीं पदस्थ हैं, इस वजह से उन्हें टीम में रखा गया है।
ये हैं कल्लूरी की एसआईटी टीम में
नारायणपुर एसपी आई कल्याण एलेसेला, ईओडब्ल्यू एएसपी मनोज खिलाड़ी, एएसपी जशपुर उनेजा खातून अंसारी, डीएसपी ईओडबल्यू विश्वास चंद्राकर, डीएसपी इओडबल्यू अनिल बख्शी, सीआईडी निरीक्षक एलएस कश्यप, एसीबी टीआई बृजेश तिवारी, एसीबी टीआई रामाकांत साहू, कांकेर टीआई मोतीलाल पटेल, ईओडबल्यू टीआई फरहान कुरैशी और विधि विशेषज्ञ एनएन चतुर्वेदी।
इन बिंदुओं के आधार पर जांच करेगी टीम
नान घोटाले की जांच जून 2014 से फरवरी 2015 के बीच की अवधि की ही की गई है। अब इसके पहले की अवधि को भी शामिल किया जाएगा। इनमें शिवशंकर भट्ट की डायरी, केके बारीक के पन्नों की डायरी और संपत्ति की विवेचना, गिरीश शर्मा की संपत्ति की विवेचना, त्रिनाथ रेड्डी के संपत्ति की विवेचना, जीतराम यादव के घर में मिले 36 लाख की विवेचना, अरविंद ध्रुव की संपत्ति की विवेचना जैसे बिंदु शामिल हैं।