हर साल 2 नवंबर को दिवंगत आत्माओं को उन्हें याद करने और उनके लिए प्रार्थना करने के लिए समर्पित किया जाता है। फाण् मारिया स्टीफन पीआरओ ने संवाददाताओं से कहा कि कोरोना महामारी के कारण भोपाल के बैरागढ़ और भदभदा दोनों ही कब्रिस्तानों में पवित्र मिस्सा या प्रार्थना सभा नहीं रखी गयी थी। इसके स्थान में शहर के गिरजाघरों में ही सीमित लोगों के साथ मिस्सा पूजा रखी गयी थी।
चर्च के कानून के अनुसार एक प्रीस्ट को चर्च की मंशा और दिवंगत श्रद्धालुओं के लिए शाश्वत शांति और मोक्ष प्राप्त करने के लिए तीन मिस्सा पूजा प्रार्थना करने की अनुमति है।
बड़ी संख्या में लोगों ने अपने.अपने चर्च और कब्रिस्तानों का दौरा किया और सामाजिक दूरी बनाए रखी और मास्क पहने हुए थे। सैकड़ो श्रद्धालुअपने रिश्तेदारों की कब्रों को सजाने के लिए कब्रिस्तान गए और दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि दी। कई पुरोहितों ने कब्रों को आशीष देने के लिए रोटेशन लिया इसके अलावा कई युवा स्वयंसेवकों ने भीड़ को नियंत्रित करने में मदद की।
लोग मास्क पहनकर कब्रिस्तानों में गए उन्होंने अपने हाथों को साफ किया और सामाजिक दूरी बनाए रखी। आर्चबिशप लियो कार्नेलियो और कई फादरों और सिस्टरों ने कब्रिस्तानों का दौरा किया।
फा.मैथ्यू वीसी, फा. अनिल सीएमआई, फा. सुरेश, सभी व्यवस्थाओं की निगरानी के लिए युवा और जनसंपर्क कार्यालय के सदस्यों को विशेष धन्यवाद। फाण् मारिया स्टीफन ने सुरक्षा व्यवस्था देने के लिए पुलिस व प्रशासन को धन्यवाद दिया।