भोपाल। एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री डॉ अरविंद सिंह भदौरिया ने कहा कि प्रदेश की सभी 4523 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के कंप्यूटराइजेशन का कार्य निर्धारित समय अवधि में पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि पैक्स के कंप्यूटराइजेशन 3 वर्ष में पूर्ण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कंप्यूटराइजेशन के लिए विभागीय बजट में ₹20 करोड़ के प्रावधान के साथ ही नाबार्ड द्वारा भी ₹5 करोड़ की सहायता की सैद्धांतिक सहमति दी गई है। इस कार्य के लिए राज्य स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। मंत्री डॉ0 भदौरिया मंत्रालय में सहकारिता विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे ।
मंत्री डॉ भदौरिया ने कहा कि प्रदेश में लघु एवं सीमांत कृषक केंद्रित अनुसंधान एवं तकनीकी नवाचार को बढ़ावा दिया जाएगा , इसके लिए अपैक्स बैंक स्तर पर वेंचर कैपिटल सेल का गठन किया गया है।इस दिशा में वेंचर कैपिटल नीति के प्रशासकीय अनुमोदन के साथ ही स्टेकहोल्डर का चयन भी कर लिया गया है वेंचर कैपिटल पोर्टल का आर्किटेक्ट भी नियत कर दिया गया है। मंत्री डॉ0 भदौरिया ने कहा कि पैक्स समितियों में ई-मंडी एवं कृषक सुविधा केंद्र बनाए जाना शुरू हो गए हैं ।यहां किसानों को उनकी आवश्यकता की समस्त जानकारियां एवं सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
मंत्री डॉ0 भदौरिया ने निर्देश दिए कि आत्मनिर्भर भारत अंतर्गत आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के लक्ष्यों को पूर्ति के लिए विभागीय कार्यों में तेजी लाई जाए । उल्लेखनीय है कि कृषि अधोसंरचना निधि से प्रदेश की समस्त लाभप्रद पैक्स समितियों को 3 वर्ष में बहुउद्देशीय सेवा केंद्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है। बैठक में बताया गया कि इस दिशा में अभी तक 160 पैक्स संस्थाओं का चयन किया गया है, शेष संस्थाओं के चयन की प्रक्रिया जारी है। बैठक में बताया गया किआत्मनिर्भर मध्य प्रदेश अंतर्गत पैक्स में कृषकों की सुविधा के लिए कॉमन सर्विस सेंटर स्थापित किए गए हैं सभी 4523 पैक्स में कृषकों को फसल ऋण, कृषि आदान ,कृषि उपज विपणन, उपार्जन ,फसल बीमा, सार्वजनिक वितरण प्रणाली की सेवाएं प्रदान की जा रही हैं इसके अलावा 40 प्रतिशत समितियों में ई -मंडी एवं कृषक सूचना केंद्र स्थापित किए गए हैं। बैठक में बताया गया कि इस वर्ष कोरोना की विपरीत परिस्थितियों में भी प्रदेश में 129.42 लाख मैट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया गया है , जो कि एक कीर्तिमान है । इस वर्ष उपार्जन व्यवस्था से एक लाख मजदूरों को रोजगार प्रदान किया गया है ।
समीक्षा में बताया गया कि उर्वरक वितरण व्यवस्था के लिए पोर्टल बनाकर कंप्यूटरीकरण की कार्यवाही अंतिम चरण में है। इस व्यवस्था से पेपर वर्क समाप्त होगा वही रेक्स से समितियों तक उर्वरक पहुंचने में लगने वाले समय में भी बचत होगी।
बैठक में बताया गया कि सहकारी संस्थाओं के माध्यम से किसानों को खरीफ 2020 में 9580 करोड़ रुपए का ऋण वितरण किया गया है जो कि गत वर्ष की अपेक्षा 26% अधिक है। इसी तरह रबी 2020- 21 में पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष में अभी तक 27% अधिक ऋण वितरण किया गया है। रबी 2020 – 21 के लिए ऋण वितरण का कार्य अभी जारी है। यह भी बताया गया कि कृषकों को गत वर्ष की तुलना में 40 प्रतिशत अधिक उर्वरक का वितरण किया गया है ।समीक्षा में बताया गया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना अंतर्गत सहकारी समितियों द्वारा 63096 कृषकों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं । योजना अंतर्गत केसीसी वितरण में लक्ष्य की शत-प्रतिशत पूर्ति की गई है अभी तक कृषकों को 175.96 करोड़ रुपए का ऋण वितरण किया गया है। इसके अलावा 6120 पशुपालकों को क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं इनमें से 5351 पशुपालकों को ₹18 करोड़ का ऋण वितरण किया गया है।
बैठक में प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव, एमडी मार्कफेड श्री पी नरहरि, अपर आयुक्त श्री अरुण माथुर संयुक्त रजिस्ट्रार श्री अरविंद सिंह सेंगर व अन्य अधिकारी मौजूद थे ।