कांग्रेस द्वारा सरकार में आने से पहले किया गया संपत्ति कर-बिजली बिल आधा करने का वादे पर सस्पेंस गहरा गया है। आलम ये है कि सीएम भूपेश बघेल को सोमवार को कहना पड़ा कि संपत्ति कर और बिजली बिल भी आधा करेंगे। पर अभी जमा करना होगा, आधा जब होगा तब होगा, ये सोचकर अभी से बिल पटाना बंद नहीं करना है।
सीएम भूपेश बघेल पुजारी पार्क में कांग्रेस द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में बोल रहे थे। बघेल ने कहा कि चिटफंड कंपनियों के एजेंट्स के खिलाफ दर्ज किए गए केस वापस लिए जाएंगे। साथ ही कंपनियों के दोषी पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। कांग्रेस ने घोषणा पत्र में चिटफंड की राशि लौटाने का एेलान किया था।
रमन पर वार भी किया आखिरी बाॅल में छक्का मारने की बात कही थी पर हिट विकेट हुए : बघेल ने रमन सिंह पर वार करते हुए कहा कि रमन ने आखिरी बाॅल में छक्का मारने की बात कही थी पर हिट विकेट हो गए। छक्का हमारे कार्यकर्ताआें ने मार दिया। अब रमन लोकसभा में सभी 11 सीट जीतने का दावा कर रहे हैं। ये कांग्रेस के कार्यकर्ताआें के लिए चुनौती है, पूरी सीटें कांग्रेस जीतेगी। भाजपा पर निशाना साधते हुए भूपेश ने कहा कि आज कल एसआईटी की चर्चा खूब है, उन्हें पता है गड़बड़ी कहां-कहां हुई। वो कहते हैं ये बदलापुर की राजनीति है, लेकिन हम कहते हैं कि न्याय के आधार पर काम करेंगे, हमारे कार्यकर्ताओं का कहना है कि ये वक्त है बदलाव का।
कंपनी को लौटाए जाएंगे स्काई योजना के 6 लाख शेष मोबाइल, मजदूरों को मिलने वाले 1 लाख टिफिन हैं डंप : भूपेश सरकार ने स्काई योजना बंद करने के बाद अब कंपनी से खरीदे गए मोबाइल उसे लौटाने की तैयारी कर ली है। मोबाइल करीब 6 लाख हैं। इसलिए सरकार ने कंपनी का करीब 1300 करोड़ रुपए का भुगतान रोक दिया है।
स्काई पिछली भाजपा सरकार की महत्वाकांक्षी योजना थी। कनेक्टिविटी बढ़ाने और 10 हजार लोगों को रोजगार मिलने के दावे के साथ इसे शुरू किया गया था। खर्च करीब 1500 करोड़ रुपए होना था, प्रदेश की 50.15 लाख महिलाओं-युवतियों को मोबाइल दिए जाने थे। विधानसभा चुनाव से पहले 29 लाख से अधिक हैंडसेट बांटे गए, 6 लाख माइक्रोमैक्स कंपनी के गोदाम में रखे हैं। साथ ही मनरेगा मजदूरों को मुफ्त में टिफिन देने की पंचायत विभाग की योजना भी अधर में है। इसके तहत ऐसे मजदूर जिन्होंने वर्ष 2016 में कम से कम 30 दिन काम किया हो चार डिब्बे वाला टिफिन मिलना था। इनकी संख्या करीब 10.85 लाख है।
स्काय पिछली भाजपा सरकार की महत्वाकांक्षी योजना थी। कनेक्टिविटी बढ़ाने और 10 हजार लोगों को रोजगार मिलने के दावे के साथ इसे शुरू किया गया था। सीएम बनते ही पहली बैठक में भूपेश बघेल ने मोबाइल वितरण बंद कर दिया। दूसरी ओर कंपनी कर्मचारी नई सरकार में योजना को नए स्वरुप में लाने की जुगत बिठा रहे हैं, लेकिन चिप्स और आईटी विभाग ने योजना को वाइंडअप मानते हुए कंपनी के बकाया पर फैसला करने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है। सूत्रों के अनुसार राज्य की ओर से शुरु में कंपनी को 200 करोड़ का पेमेंट किया गया था। चिप्स के अफसरों का कहना है कि यह राशि प्रोजेक्ट शुरु करने एडवांस के रुप में दी गई थी।
सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार स्तर पर यह भी विचार किया जा रहा है कि शेष बचे 6 लाख मोबाइल केंद्र सरकार को भेजे जाएं। क्योंकि, स्काय योजना में बस्तर आदि इलाकों में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए भारत नेट योजना के तहत मोबाइल टाॅवर लगाने की राशि दी गई थी।
पिछली भाजपा सरकार ने टिफिन योजना के लिए 275 रुपए प्रति टिफिन की दर से 30 करोड़ रुपए मंजूर किए थे। स्पलायर ने करीब 20 करोड़ रुपए का पेमेंट ले भी लिया। 22 अक्टूबर को जब योजना बंद की हुई तो करीब 1 लाख टिफिन जनपद पंचायतों के गोदामों में पड़े हुए हैं। कुछ टिफिन चुनाव आयोग की छापामार टीमों ने जप्त कर रखे हैं। इन टिफिन के उपयोग को लेकर नई सरकार ने कोई फैसला नहीं किया है। हालांकि बकाया राशि का भुगतान रोक दिया गया है।